शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की बिछी चुनावी बिसात में सियासी शतरंजी चाल शुरू हो गई है। प्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा में 13 नवंबर को मतदान होना है। नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। लिहाजा अब टिकट वितरण के साथ पुराने समीकरणों को लेकर साधने और मनाने की कवायद शुरू हो गई है। बुधनी उप चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव के नाम पर नेताओं को आपत्ति है। टिकट के ऐलान के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के भोपाल स्थित बंगले पर बैठक हुई। बैठक में टिकट की दावेदारी में शामिल नेता नहीं पहुंचे। 

पूर्व विधायक राजेंद्र राजपूत टिकट न मिलने से नाराज

अंदरखाने की खबर है कि पूर्व विधायक राजेंद्र राजपूत टिकट न मिलने से नाराज है। कार्यकर्ताओं, समर्थकों समेत ठाकुर मतदाता असंतुष्ट हैं। राजपूत पहले भी चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके थे। भैरूंदा में बैठक के दौरान शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय ने यह भी कहा था कि बीजेपी पार्टी उनके लिए मां है। वह किसी व्यक्तिगत स्वार्थ से नहीं जुड़े हैं, वे विचार धारा से जुड़े। उनके जैसे कार्यकर्ता का नाम आप लोगों ने विधानसभा की पैनल में भेजा तो यह उनके जीवन का गौरवशाली पल था। इशारों-इशारों में उन्होंने कई बातें बैठक में कही। 

बुधनी में बीजेपी प्रत्याशी की नाराजगी कांग्रेस के लिए वरदान  

इसके अलावा बुधनी विधानसभा में कांग्रेस भी कभी अपने रहे जनप्रतिनिधियों से जूझ रही है। यहां कांग्रेस से बगावत कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले अर्जुन आर्य ने भी चुनावी मैदान में हैं। आर्य कांग्रेस प्रदेश सचिव पद पर रह चुके हैं। कांग्रेस भी लगातार आर्य से संपर्क में है तो आर्य के समर्थकों से बातचीत की जा रही है। मामले पर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने विजयपुर और बुधनी के सालों से मेहनत करने वाले जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों का गला घोंट दिया है। बुधनी में नाराजगी ही कांग्रेस के लिए वरदान का काम करेगी। 

कांग्रेस से साधा निशाना 

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अमित शर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह की पत्नी साधना भाभी ने कसम खाई थी। यह कि मां नर्मदा का जल की सौगंध खाते हैं, किरार सिर्फ किरार पर ही जाते हैं। तो अब मां नर्मदा की सौगंध को पूरी करें। यह भी बताएं कि अब किरार कहां जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट किरार नहीं है। उधर, विजयपुर में कार्यकर्ताओं का गला घोटने का काम किया। कांग्रेस पार्टी में रहे रावत से बीजेपी की डील हुई। मंत्री बनाया और अब उन्हें चुनाव लड़ा रहे हैं। जो बीते दो दशक से रामनिवास रावत के साथ होकर भारतीय जनता पार्टी से टकरा रहा था आज उन्हीं के साथ खड़ा होने के मजबूर हो रहा है। कलह का कारण भी विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में यही है। 

बीजेपी ने किया पलटवार 

लिहाजा चुनावी परिणाम में दोनों ही सीट पर हाथ का पंजा मजबूत होने वाला है। चुनावी बिसात पर भाजपा का भी बयान सामने आया है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि चुनाव में टिकट मांगना कार्यकर्ताओं का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह भी सहज प्रक्रिया है। लेकिन, बीजेपी में बगावत जैसी कोई बात नहीं है। सभी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। हम ऐतिहासिक जीत दर्ज कराएंगे।

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