Bulandshahr Loksabha Elections 2024. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर भी वोटिंग होगी. इनमें बुलंदशहर सीट भी शामिल है. बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने बाजी मारी थी. इस बार देखने वाली बात होगी कि यह सीट किसके खाते में आती है.

बुलंदशहर लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद भोला सिंह को टिकट दिया है. वहीं बसपा और कांग्रेस ने ही पूर्व प्रत्याशियों का टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है और बुलंदशहर सीट की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. कांग्रेस ने शिवराम वाल्मिकी को मौका दिया है. वहीं बसपा ने गिरिश चंद्र जाटव को मैदान पर उतारा है.

बीजेपी प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद हैं. भोला सिंह यहां से लगातार दो बार से चुनाव जीत चुके हैं. इस बार हैट्रिक की उन्हें आस है. 2014 में मौजूदा सांसद कमलेश वाल्मीकि को हराया था. पिछली बार यानी 2019 में भोला सिंह को 681,321 वोट मिले थे. इनके मुकाबले सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी योगेश वर्मा केवल 3,91,264 वोट ही हासिल कर सके थे. कांग्रेस के बंशी सिंह को 29,465 ही मिले थे. बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें बुलंदशहर, स्याना, अनूपशहर, डिबाई और शिकारपुर आती हैं. सभी पर इस समय भाजपा का कब्जा है.

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बुलंदशहर सुरक्षित लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी शिवराम वाल्मिकी को बनाया है. वर्तमान में वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. पूर्व में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रह चुके हैं. बसपा ने बिजनौर की नगीना सीट से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है. 1995 में मुरादाबाद नगर निगम में पार्षद बने. 2000-2006 से बसपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं 2007 से चन्दौसी से विधायक और 2019 में बिजनौर की नगीना सीट से बसपा के सांसद हैं.

बुलंदशहर सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है. जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां पर ओबीसी और अनुसूचित जाति के वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं. पिछले चुनाव के समय यहां पर करीब 2 लाख ब्राह्मण और 2 लाख के करीब ठाकुर या क्षत्रिय वोटर्स थे. जाट बिरादरी के 1.60 लाख, जाटव बिरादरी के 2.20 लाख, लोध बिरादरी के 2 लाख वोटर्स यहां पर थे. इनके अलावा करीब 3 लाख मुस्लिम वोटर्स थे. खटीक, वाल्मीकि, गुर्जर, त्यागी, कश्यप, प्रजापति, पाल (गड़रिया) जाति के वोटर्स अच्छी खासी संख्या में रहते हैं.

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