सरकारी बसों के ड्राइवर-कंडक्टर और अन्य कर्मचारियों द्वारा हड़ताल का आज दूसरा दिन था। अब कर्मचारियों ने कल से हड़ताल न करने का ऐलान किया है। यूनियन के साथ हुई बैठक में सरकार ने 15 जनवरी को मुख्यमंत्री मान के साथ बैठक कराने का आश्वासन दिया है।
कल यानी सोमवार से पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस की 3,000 से अधिक बसें बंद रहीं, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इस बंद के कारण सरकार को 3.5 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। आज हड़ताल का दूसरा दिन था। दोपहर बाद हुई बैठक के बाद सरकार ने बातचीत का भरोसा दिया, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री निवास की ओर प्रदर्शन
ये कर्मचारी पंजाब के मोहाली में इकट्ठा हुए और वहां से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री निवास की ओर रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोक दिया।
बातचीत का भरोसा मिलने पर हड़ताल खत्म
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने आज सुबह 10 बजे मोहाली में प्रदर्शन शुरू किया। दोपहर 12 बजे कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

मोहाली पहुंचने पर कर्मचारियों ने चंडीगढ़-लुधियाना मार्ग बंद कर दिया। कुछ समय बाद पुलिस ने हाईवे भी खोल दिया। यह हड़ताल तीन दिनों के लिए थी, और आज इसका दूसरा दिन था। लेकिन सरकार अगले ही दिन बातचीत के लिए तैयार हो गई, जिसके चलते हड़ताल समाप्त कर दी गई।
कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग
नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर पीआरटीसी, पनबस और पंजाब रोडवेज के कर्मचारियों ने यह हड़ताल की थी। इस संबंध में पनबस और पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने पिछले महीने सभी मंत्रियों को मांग पत्र भी सौंपे थे। इसके बावजूद उनकी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
इसके विपरीत, पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल की सरकारें कर्मचारियों को दो साल बाद स्थायी कर रही हैं। लेकिन पंजाब सरकार उमा देवी फैसले का बहाना बनाकर राज्य के कर्मचारियों का शोषण कर रही है।
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