Business Leader : न्यूज़ 24 MPCG और लल्लूराम डॉट कॉम के सलाहकार सम्पादक संदीप अखिल से बिज़नेस लीडर सीरीज के विशेष बातचीत में Godriwala Plastic Pvt. Ltd. के डायरेक्टर सतीश थौरानी ने अपने जीवन और संघर्ष की प्रेरक कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि “ज़िंदगी के टफ चैलेंजेस पतंग उड़ाने जैसे होते हैं समय, ज़रूरत और सिचुएशन देखकर संतुलन बनाए रखना ही सफलता का राज़ है। मेहनत और अच्छी आदतें ही मंज़िल तक पहुंचाती हैं।”


साधारण शुरुआत से असाधारण सफर तक
साल 1970 में रायपुर के अमरदीप टॉकीज़ के पास सतीश थौरानी के पिता मंशाराम थौरानी की एक छोटी सी किराना दुकान ‘राज किराना भंडार’ हुआ करती थी। यही दुकान सतीश की पहली पाठशाला बनी। पिता से सीखी ईमानदारी, ग्राहकों पर विश्वास और मेहनत की आदत ने उन्हें जीवन का असली अर्थ सिखाया। छह भाइयों का संयुक्त परिवार उनके लिए प्रेरणा और ताकत दोनों रहा, और इसी मजबूत पारिवारिक नींव पर उन्होंने अपने सपनों की इमारत खड़ी की।

ऑडियो कैसेट निर्माण से मिली पहली पहचान
90 के दशक में जब संगीत का मतलब केवल ऑडियो कैसेट था, तब सतीश थौरानी ने समय का रुख समझ लिया। बड़े भाई राज थौरानी के साथ मिलकर उन्होंने दिल्ली में जाकर कैसेट असेंबलिंग की तकनीक सीखी। 1995 में रायपुर में अविभाजित मध्यप्रदेश की पहली ऑडियो कैसेट असेंबलिंग यूनिट शुरू की, जो जल्द ही देश के 10 राज्यों तक पहुंची। यह उनके व्यावसायिक जीवन की पहली बड़ी सफलता थी।
प्लास्टिक उद्योग की नींव – गोदड़ीवाला प्लास्टिक्स
1998-99 में दिल्ली की एक प्रदर्शनी में सतीश ने एक ऐसी मशीन देखी जो एक मिनट में मजबूत प्लास्टिक कुर्सी बना सकती थी। उसी क्षण उन्होंने तय किया कि छत्तीसगढ़ में भी बड़ी प्लास्टिक इंडस्ट्री स्थापित करनी चाहिए। 1999 में उन्होंने गोदड़ीवाला प्लास्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की, जिसका नाम उन्होंने अपने आस्था स्थल बाबा गोदड़ीवाला के नाम पर रखा।

15 दिसंबर 2000 को उत्पादन शुरू हुआ। शुरुआत में वे नीलकमल के लिए कुर्सियां बनाते थे। आगे चलकर अपनी भतीजी के नाम पर पूजा ब्रांड लॉन्च किया, जो आज छत्तीसगढ़ और ओडिशा में नंबर वन है। पूजा ब्रांड के 400 से अधिक उत्पाद — कुर्सियां, फर्नीचर, किचनवेयर, बाथरूम एक्सेसरीज़ और स्टोरेज सॉल्यूशंस — घर-घर में लोकप्रिय हैं।
सतीश थौरानी का यह उद्यम मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार करता है। वे सिंगल-यूज़ प्लास्टिक से दूरी बनाकर पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देते हैं।
आध्यात्मिकता और व्यवसाय का संगम
सतीश थौरानी की कार्यशैली में आध्यात्मिकता झलकती है। उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर तुलसी के पौधे लगे हैं और अंदर भजनों की मधुर ध्वनि गूंजती रहती है। यह वातावरण बताता है कि आस्था और व्यापार एक साथ चल सकते हैं।
एम.एम. फन सिटी – मनोरंजन की अनूठी सौगात
2010 में थौरानी ब्रदर्स ने रायपुर को दिया एम.एम. फन सिटी वॉटर पार्क — छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा वाटर एम्यूज़मेंट पार्क। यह उनके माता-पिता मीरा देवी और मंशाराम थौरानी के नाम से बने अक्षरों पर आधारित है। मात्र 12 महीनों में बकतरा गाँव में यह पार्क तैयार हुआ और आज हजारों परिवारों की पसंदीदा जगह बन चुका है। इसका संचालन उनके बड़े भाई इंदर थौरानी और छोटे भाई राजेश थौरानी कर रहे हैं।
एम.एम. पॉलिमर – नई ऊंचाइयों की उड़ान
2012 में उन्होंने एम.एम. पॉलिमर यूनिट शुरू की, जो पैट बोतल प्री-फॉर्म निर्माण में देश की टॉप टेन इंडस्ट्री में शामिल है। उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण इसके उत्पाद देशभर में सप्लाई होते हैं। इस यूनिट का संचालन उनके बड़े भाई अनिल थौरानी के नेतृत्व में हो रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान – फोर्ब्स इंडिया बिजनेस लीडर्स
साल 2021 में फोर्ब्स इंडिया बिजनेस लीडर्स ने थौरानी ब्रदर्स की कंपनी को प्लास्टिक सेगमेंट में चुना। यह छत्तीसगढ़ के व्यापार जगत के लिए गर्व का क्षण था।
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के निर्विरोध अध्यक्ष
2025 में सतीश थौरानी छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। यह उनके क्लीन इमेज और प्रगतिशील सोच का परिणाम था। वे कहते हैं “चेम्बर में कोई छोटा-बड़ा नहीं, सब मिलकर व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करेंगे।”
उन्होंने सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करने के लिए समन्वय टीम बनाई है, और उनका उद्देश्य है व्यापारियों को सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ दिलाना।
डिजिटल सोच और शिक्षा के क्षेत्र में कदम
सतीश थौरानी समय के साथ चलने में विश्वास रखते हैं। वे डिजिटल मार्केटिंग को व्यापार की नई दिशा मानते हैं और युवाओं के लिए व्हाट्सएप मार्केटिंग वर्कशॉप्स आयोजित करते हैं।
26 मार्च 2017 को उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा और एम.एम. स्कूल, नकटी (नया रायपुर) की स्थापना की। इंटरनेशनल स्मार्ट बोर्ड और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह स्कूल उनके भतीजों मयूर थौरानी और सिद्धार्थ थौरानी के देखरेख में संचालित है।
रियल एस्टेट और अन्य प्रोजेक्ट्स
व्यापार की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद सतीश थौरानी ने रियल एस्टेट क्षेत्र में भी कदम रखा। एम.एम. सिल्वर प्लाज़ा जैसे कमर्शियल और आवासीय प्रोजेक्ट्स उनकी दूरदर्शी सोच के उदाहरण हैं। वे जल्द ही होटल और इंडोर-आउटडोर एम्यूज़मेंट पार्क की भी योजना ला रहे हैं।
युवा उद्यमियों के लिए प्रेरक संदेश
सतीश थौरानी का मानना है कि “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। मेहनत, समर्पण और अच्छी आदतें ही मंज़िल तक ले जाती हैं।”“डिफिकल्टी को अवसर में बदलना ही असली जीत है।” “अगर सपने बड़े हैं, तो एक छोटी दुकान से भी बड़ा साम्राज्य खड़ा किया जा सकता है।”उनका सपना है – आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़, आत्मनिर्भर भारत, और हर घर में पूजा ब्रांड के प्रोडक्ट्स।
संघर्ष से सफलता तक – प्रेरणा का प्रतीक
एक छोटी किराना दुकान से लेकर राष्ट्रीय स्तर के ब्रांड तक पहुंचने का सफर सतीश थौरानी की मेहनत, दृष्टि और संकल्प का परिणाम है। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि “चुनौतियों को सीढ़ी बनाकर ही सफलता की ऊँचाइयों को छुआ जा सकता है।” सतीश थौरानी न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं, जिनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
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