रायपुर. एक कहावत है जिंदा हाथी लाख और मरने के बाद सवा लाख का… कुछ ऐसा ही व्यवसाय है सूखे फूलों का, जिसमें किसान खेतों से ताजे फूलों को तो स्थानीय बाजार में अच्छे मुनाफ में बेच सकते हैं. साथ ही सूखने पर उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध हो जाएगा. ताजे फूलों की तुलना में सूखे फूल गर्मी एवं सर्दी से सहिष्ण होते हैं और अधिक समय तक सुंदरता प्रदान करते हैं.

कैसे होता है सूखे फूलों का बिजनेस

शुष्क फूल उद्योग में पांच सौ से अधिक शुष्क फूल निर्यात किये जाते हैं. इस उद्योग की सालाना वार्षिक वृधि 10 से 15 प्रतिशत है. शुष्क पुष्प तकनीक द्वारा खिले फूलों को मुरझा जाने से पूर्व ही संरक्षित किया जा सकता है. सही अवस्था में फूलों और उसकी पंखुडिय़ों को सुखाकर ऐसे कई उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं, जो न सिर्फ घर की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि निर्यात करने पर सूखे फूल के उत्पाद कमाई का साधन भी बन सकते हैं.

शुष्क पुष्प निर्यात में भारत दुनिया में पहले स्थान पर

भारतीय और विदेशी बाजारों में शुष्क पुष्प की अच्छी मांग है. भारत से इसका निर्यात अमेरिका, जापान और यूरोप तक होता है. शुष्क पुष्प निर्यात में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है, क्योंकि यहाँ कई प्रकार के पौधे पाये जाते हैं. शुष्क पुष्प से तात्पर्य केवल फूल से ही नहीं है, बल्कि इसके तहत शुष्क तना, बीज, कलियां आदि भी आते हैं.- भारत से हर साल करीब एक सौ करोड़ रुपये मूल्य का शुष्क पुष्प का निर्यात किया जाता है.

भारत यह उद्योग 20 देशों को पांच सौ से अधिक किस्म के शुष्क पुष्प का निर्यात करता है. इनका इस्तेमाल हस्तनिर्मित कागज, लैंप शेड, मोमबत्ती स्टैंड, जूट के थैले, फोटो फ्रेम, बक्से, किताबें, दीवारों की सजावट, कार्ड और अन्य उपहार सामग्री के निर्माण में होता है. घर में पड़ी बेकार सामग्रियों और शुष्क पुष्प के इस्तेमाल से उत्पाद की सुन्दरता और लाभ बढ़ जाता है. इस तकनीक से तैयार किये गये उत्पाद निर्यात के लिये उत्तम होते हैं तथा कम लागत में अधिक लाभ देते हैं.

सूखे फूलों से बने उत्पाद

पुष्प विन्यास: इसमें सूखे हुए तने और डालियों का इस्तेमाल होता है. हालांकि बाजार में इसकी माँग काफी कम है, इसकी कीमत अधिक मिलती है. इसमें सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाली सामग्री में सूखे सूती कपड़े, घास, चमेली, फर्न के पत्ते तथा अन्य शामिल हैं. पेपर वेट इसे बनाने के लिये सर्वप्रथम शीशे का ढांचे का इस्तेमाल किया जामा है. शीशे का ढांचे के निचले हिस्से में थर्मोकोल लगाकर सूखे फूलों को स्थापित करते हैं और फिर शीशे का ढांचे के उपरी हिस्से को निचले हिस्से पर लगाकर बंद कर देते हैं. साथ ही सीनरी, कोस्टर, टेबल मैट में सूखे फूल चिपकाकर और लेमिनेट करवाकर प्लेट के नीचे लगाने वाले टेबल में उपयोग करते हैं. पेन स्टैंड, गुलदस्ता जैसी कई उत्पाद का निर्माण करने के लिए सूखे फूलों की सालभर डिमांड होती है.