रायपुर- कारोबारी प्रवीण सोमानी के अपहरण की गुत्थी रायपुर पुलिस ने सुलझा ली. पुलिस के सामने चुनौती बन खड़े हुए इस सनसनीखेज अपहरण कांड की कलई खोलने पुलिस को खूब पापड़ बेलने पड़े. तमाम चुनौतियों से जूझते हुए रायपुर पुलिस आखिरकार उस गिरोह तक जा पहुंची, जिसने प्रवीण सोमानी का अपहरण किया था. चर्चा थी कि कारोबारी का अपहरण बिहार के वैशाली जिले के चंदन सोनार गैंग ने किया है. हालांकि पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है. बताया जा रहा है कि पप्पू चौधरी इस पूरे अपहरण मामले का मास्टरमाइंड है, जो चंदन सोनार गैंग के लिए काम करता रहा है. प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को यह इनपुट मिल गया था कि अपहरण से कहीं ना कहीं चंदन सोनार गैंग का कोई लिंक जरूर है, लिहाजा इनपुट के आधार पर पुलिस की टीमें उन इलाकों में सक्रिय हो गई, जहां से गैंग संचालित किया जाता था. आखिरकार 13 दिनों बार रायपुर पुलिस ने फैजाबाद- सुल्तानपुर के बीच प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने में कामयाबी हासिल की. इस अपहरण में गैंग के दस आरोपियों के शामिल होने की पुख्ता खबर पुलिस के पास थी. पुलिस ने इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि आठ अन्य आरोपियों को जल्द पकड़ लिए जाने का दावा पुलिस कर रही है. इस पूरे आपरेशन का नेतृत्व करने वाले रायपुर एसएसपी आरिफ शेख खुद ही प्रवीण सोमानी को लेकर रायपुर पहुंच रहे हैं.

गौरतलब है कि 8 जनवरी को धरसींवा क्षेत्र के सिलतरा स्थित अपनी फैक्टरी सोमानी प्रोसेसर इस्पात से घर के लिए निकले प्रवीण सोमानी का अपहरण हो गया था. कारोबारी के अपहरण की खबर ने प्रशासन से लेकर सरकार तक खलबली मचा दी थी. घटना फूटने के फौरन बाद रायपुर पुलिस ने जांच टीम गठित कर महाराष्ट्र, बिहार, यूपी जैसे राज्यों में भेजी. चूंकि मामला संवेदनशील था, लिहाजा पुलिस कदम फूंक-फूक चल रही थी. एक गलत कदम प्रवीण सोमानी के लिए खतरे की घंटी बन सकती थी. रायपुर एसएसपी आरिफ शेख के नेतृत्व में गठित जांच टीमें लगातार पड़ताल कर रही थी कि खबर लगी बिहार के चंदन सोनार गैंग का हाथ इस अपहरण कांड में है. अपहृत कारोबारी प्रवीण सोमानी की तलाश पुलिस ने बिहार और उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में तेज कर दी थी.

डीजीपी करेंगे प्रेस कांफ्रेंस

कारोबारी को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने के बाद रायपुर एसएसपी आरिफ शेख खुद ही फ्लाइट से उन्हें लेकर रायपुर लौट रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर डीजीपी डी एम अवस्थी रात साढ़े 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.

मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक कर रहे थे जांच की मानिटरिंग

कारोबारी के अपहरण के मामले से सरकार के होश भी फाख्ता हो गए थे. बताते हैं कि जांच कहां तक पहुंची, इसकी बारीक जानकारी भी मुख्यमंत्री-डीजीपी तक पहुंचाई जाती थी. आपरेशन की बेहद बारीकी से मानिटरिंग की जा रही थी. चूंकि गिरोह बेहद खतरनाक था, ऐसे में पुलिस को यह डर भी सता रहा था कि कहीं कारोबारी के साथ कुछ गलत ना हो जाए. हालांकि एहतियात बरतते हुए रायपुर पुलिस ने आपरेशन को अंजाम दिया और कारोबारी को सुरक्षित रिहा कराने में सफलता पाई.

वेब सीरिज से कम नहीं.

जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी अब राहत की सांस ले रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने यह कहा कि जिस तरह से जांच में बिंदु सामने आते जा रहे थे, उससे लग रहा था कि यह किसी वेब सीरिज से कम नहीं है.