वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. व्यवसायी युवक के सुसाइट के मामले में नया मोड़ आ गया है. युवक का सुसाइट नोट सामने आया है. आत्महत्या से पहले युवक ने 6 पेज का सुसाइट नोट लिखा है, जिसमें वार्ड पार्षद और हांफा के सरपंच सहित एक अन्य पर मृतक ने सूदखोरी का आरोप लगाते हुए सुसाइड के लिए जिम्मेदार बताया है. इधर सुसाइट नोट सामने आने के बाद अब पुलिस जांच और कार्रवाई की बात कह रही है.

दरअसल, सकरी थाना क्षेत्र के आसमा सिटी में रहने वाले व्यवसायी ऋषभ निगम ने बीते 16 सितंबर को जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी. मंगला चौक में ऋषभ का बिजली की दुकान थी. ऋषभ ने सूदखोरों से करीब 4 लाख रुपये उधार लिया था. पैसा देने के बाद भी सूदखोर ब्याज वसूलते रहे. इससे व्यवसायी उबर नहीं पाया. जिसके कारण मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहने लगे. परेशानी इतनी बढ़ गई कि, 16 सितंबर को ऋषभ ने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली. अब घटना से जुड़ा एक सुसाइड नोट सामने आया है, जिसमें ऋषभ ने वार्ड 1 के पार्षद ग्राम पंचायत हांफा के सरपंच और एक अन्य पर सूदखोरी का आरोप लगाते हुए सुसाइड के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया है.

सुसाइड लेटर में व्यवसायी ने लिखा कि, सूदखोर हर 10 दिन में 10 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलते रहे. ब्याज में देरी होने पर उसे मूल रकम में जोड़ देते. इस तरह सूदखोरों ने मूल की रकम से ज्यादा ब्याज वसूली की है. इसके बाद भी उसे परेशान करते हैं. सूदखोरों की प्रताड़ना से ही आत्महत्या की है. आत्महत्या करने से पहले ऋषभ ने ये सुसाइट नोट बिलासपुर एसपी के नाम लिखा है. इस मामले को सकरी पुलिस दबाने की कोशिश कर रही थी. पुलिस कार्रवाई से मृतक के स्वजन भी नाराज हैं. पुलिस ने अभी तक सूदखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. परिजनों ने मामले में एसएसपी से मिलकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

इधर एसएसपी ने अब सुसाइट नोट के आधार पर कार्रवाई की बात कही है. एसएसपी ने बताया कि सुसाइट नोट की सत्यता के लिए नोट को हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जा रहा है. जिसके बाद संबंधितों से पूछताछ और कार्रवाई की जाएगी.