हरियाणा में जमीन (Property)खरीदना अब और महंगा हो सकता है, क्योंकि राज्य सरकार अगस्त से संपत्ति की संशोधित कलेक्टर दरें लागू करने जा रही है. ये दरें विभिन्न जिलों की वेबसाइटों पर ड्राफ्ट के रूप में उपलब्ध कराई गई हैं. मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद तहसीलों में नई रजिस्ट्री दो दिन के लिए रोक दी गई है, और जनता से 31 जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई थीं. इस संबंध में सभी जिलों के डीसी को पत्र भेजा गया है। नए कलेक्टर रेट में पांच से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है, जिससे NCR क्षेत्र में हरियाणा के जिलों में प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ जाएगा.
क्या होती है कलेक्टर दर?
कलेक्टर दर वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर किसी संपत्ति को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है. इसी दर के आधार पर रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी की वसूली की जाती है. यदि यह दर बढ़ती है, तो जमीन खरीदना सीधे तौर पर महंगा हो जाएगा.
गुरुग्राम में सबसे ज्यादा उछाल
गुरुग्राम में भूमि की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. गांवों में हाईवे से केवल दो एकड़ की दूरी पर स्थित जमीन, जिसका मूल्य पहले 25,300 रुपये प्रति वर्ग गज था, अब 45,000 रुपये प्रति वर्ग गज करने का प्रस्ताव है, जो कि 77 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है. इसके अलावा, कार्टरपुरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत और ओल्ड DLF कॉलोनी में 19 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रस्ताव है.
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अन्य जिलों में क्या है स्थिति?
रोहतक: 5 से 25 प्रतिशत तक दरें बढ़ाई जाएंगी.
पंचकुला: कई सेक्टरों में भारी बढ़ोतरी प्रस्तावित है.
औद्योगिक क्षेत्र: यहां भी दरें बढ़ाने की तैयारी है.
सरकार का कहना है कि ये परिवर्तन बाजार की दरों के अनुरूप किए जा रहे हैं, ताकि रजिस्ट्रियों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो.
कांग्रेस का विरोध, हुड्डा का हमला
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस निर्णय को गरीब और मध्यम वर्ग के खिलाफ एक स्पष्ट हमला करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने कलेक्टर दरों में 10 से 145 प्रतिशत तक की वृद्धि की है.
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उन्होंने बताया कि फतेहाबाद में जमीन की कीमत पहले 15,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 35,000 रुपये कर दिया गया है. हुड्डा ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि पिछले साल दिसंबर में कलेक्टर दरों में काफी वृद्धि की गई थी, और अब 8-9 महीने के भीतर दूसरी बार दरें बढ़ाई जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भी दरों में वृद्धि होती थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि नई दरें जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डालेंगी, क्योंकि ये मौजूदा बाजार दरों के अनुरूप हैं.
‘गरीबों और मिडिल क्लास की कमर टूटेगी’
कांग्रेस का आरोप है कि पहले कलेक्टर दर में केवल 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि होती थी, लेकिन अब हर गली, मोहल्ले और गांव के लिए अलग-अलग उच्च दरें निर्धारित की जा रही हैं. इस स्थिति से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे उनके घर खरीदने का सपना और भी दूर हो जाएगा.
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