नई दिल्ली . दिल्ली पुलिस की रोहिणी जिला साइबर सेल ने फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. आरोपी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में फ्लैट बुक करने के नाम पर ठगी करते थे. पुलिस ने गिरोह के दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपित से 15 मोबाइल, 13 एटीएम-डेबिट कार्ड, 45 सिम, एक लैपटॉप, चार लाख नकद बरामद किए हैं.

गिरोह का संचालन कोलकाता, मुंबई और बिहार से हो रहा था. आरोपियों के लैपटॉप की जांच में पता चला है कि ये अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. जालसाजों की पहचान बिहार के नालंदा निवासी राजा पटेल और बिहार के शेखपुरा निवासी सोनू के रूप में हुई है.

गिरोह के सदस्य सरकारी योजनाओं की फर्जी साइट बनाकर लोगों को ठगते थे. पुलिस का कहना है कि डीडीए फ्लैट की बुकिंग के नाम सबसे ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने. गत 23 मार्च को एनसीआरपी पोर्टल पर विशाल अग्रवाल नामक व्यक्ति की शिकायत की जांच करते हुए गिरोह तक पहुंची.

गूगल से लिया लिंक रोहिणी निवासी विशाल अग्रवाल ने 23 मार्च को एनसीआरपी पोर्टल पर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि वह गूगल पर डीडीए फ्लैट्स की जानकारी हासिल कर रहे थे. इस दौरान एक वेबसाइट का लिंक मिला, जिसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर डीडीए फ्लैटों के लिए बुकिंग खुली दिखाई दी थी. आवेदन शुल्क के लिए 75 हजार और एनओसी के लिए 25 हजार की मांग की गई थी. इसके अलावा इच्छुक लोगों को अपने व्यक्तिगत दस्तावेज जैसे फोटोग्राफ, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पता और अपना मोबाइल नंबर वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया था.

शिकायत कर्ता विशाल अग्रवाल ने बताए गए बैंक खाते में रकम जमा करा दी. अगले दिन एक कॉल आई. फोन करने वाले ने चार लाख रुपये जमा करने को कहा. जमा न कराने पर आवेदन खारिज करने की बात कही. इस पर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ तो उसने तत्काल पुलिस को शिकायत दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर नंबर और बैंक खातों की शुरू की तो पता चला कि गिरोह कोलकाता, मुंबई और बिहार से संचालित हो रहा है. गिरोह का ठगी का तरीका

जिला रोहिणी के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू की और बिहार के जिला शेखपुरा के कुतुब चक गांव में छापा मारा. सोनू नामक युवक पूछताछ की तो उसने खुलासा किया कि वह ठगी करने वालों को अकाउंट, सिम कार्ड मुहैया कराता है और पैसे ट्रांसफर करने में मदद करता है.

पुलिस को यह भी बताया कि उसके गांव के 3-4 लोग हैं जो जौनपुर (उत्तर प्रदेश) और मुंबई से खाते और सिम कार्ड प्रदान करते हैं, जिसे वह अन्य गिरोह के लोगों को सौंप देता है. उसने खुलासा किया कि नेट बैंकिंग और एटीएम कार्ड, आधार कार्ड की कापी और खाते से जुड़े सिम कार्ड आदि जानकारी के अलावा प्रयुक्त सिम कार्ड उसने ही उपलब्ध कराया था.

पुलिस ने सोनू से खाता विवरण व सिम कार्ड बेचकर कमाए गए एक लाख रुपये के अलावा दो मोबाइल फोन, 45 अप्रयुक्त सिम कार्ड बरामद किए हैं.

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार ने बताया कि टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पता चला कि गिरोह में शामिल एक व्यक्ति 23 मई को कोलकाता से दिल्ली आया है और उसने पश्चिमी दिल्ली में स्थित विभिन्न एटीएम बूथों से पैसे निकाले हैं. पश्चिमी दिल्ली में लगे 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई और संदिग्ध का पता लगाया गया.

संदिग्ध को तिलक नगर इलाके के एक पार्क से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने लैपटाप पर काम कर रहा था.पूछताछ में उसने अपना नाम राजा पटेल और बिहार के नालंदा जिले के अहिया पुर गांव का रहने वाला बताया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजा पटेल के लैपटाप में मिले आंकड़ों के अनुसार, उसने डीडीए फ्लैटों के आवंटन के बहाने 1000 से अधिक व्यक्तियों को ठगा है.दूसरे आरोपित सोनू ने यह कबूल किया है कि उसने साइबर ठगों को 100 से अधिक खाते और सिम कार्ड मुहैया कराए हैं.पुलिस ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज 60 से अधिक शिकायतों की जांच में आरोपित की संलिप्तता पाई गई है.

आरोपी के तीन फर्जी वेबसाइट :

www.ddaflat.org.in

www.ddaeauction.in

www.ddahousingyojana.com

पत्नी के नाम से तीन कंपनी

जालसाज से पूछताछ में पता चला कि वह डीडीए के तीन और जालसाजों के लिए 15 से अधिक फर्जी वेबसाइट बना चुका है. उनसे बताया कि फर्जी वेबसाइट के साथ साथ वह अपनी पत्नी के नाम पर तीन कंपनियां चलाता है. उसने अपनी पत्नी के नाम पर स्मार्ट वॉच, ब्लूटूथ ईयर फोन और पावर बैंक आदि का अपना ब्रांड भी लॉन्च किया है. उसने बताया कि ठगी की रकम को वह अलग-अलग शहरों में स्थित एटीएम से निकालता था. वह फ्लाइट में यात्रा करता था और फ्लाइट में अपने साथ बड़ी मात्रा में पैसा ले जाना संभव नहीं था, इसलिए वह श्याम को पैसे देकर उसे ट्रेन के माध्यम से कोलकाता स्थानांतरित करवाता था. उसने बताया कि वह पैसे निकालने के लिए दिल्ली आया था.