रायपुर। वेदांता कैंसर अस्पताल मामले में कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने में लगी हुई है. पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार वेदांता को फायदा पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि इसमें गरीबों का इलाज रियायती दर पर नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि सीएम कह रहे हैं कि वेदांता अस्पताल को लेकर कोई विवाद नहीं है. इधर एनआरडीए कह रही है कि वेदांता को कोई छूट नहीं दी गई. भूपेश ने कहा कि ये सारी बातें बिल्कुल झूठी हैं. वेदांता को पूरी छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि वेदांता अस्पताल से गंभीर विवाद जुड़ा हुआ है. गरीब परिवारों के हक को छीने जाने का विवाद है.

भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार और वेदांता के बीच बात कर रहे होंगे, क्योंकि लेनदेन खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि ‎स्वास्थ्य मंत्री को कोई जानकारी नहीं है. अधिकारी मंत्रालय चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‎2009 में रियायती दरों पर जब जमीन दी गई, तब एमओयू के तहत दो साल में अस्पताल बना लेना था. ‎एमओयू में लिखा होता है कि समय सीमा समाप्त होने पर एमओयू निरस्त हो जाता है, लेकिन सरकार 7 साल इंतजार करती रही और जब बिल्डिंग बन गई, तो एमओयू निरस्त किया गया. एमओयू की समयसीमा जब खत्म हुई, तब ही सरकार को संपत्ति राजसात कर लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि वेदांता को लगातार सरकार मौका देती रही.

‎इस तरह का लाभ केवल वेदांता को ही क्यों- भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि इस तरह का लाभ केवल वेदांता को ही क्यों. उन्होंने कहा कि ‎जुर्माने के नाम पर केवल 127 रुपए वर्गफुट के हिसाब से जमीन दे दी गई. भूपेश ने सवाल पूछा कि ‎जब सीएम उद्घाटन करने गए हैं, तो क्या दूसरा एमओयू किया गया और यदि किया गया है, तो जनता के सामने सार्वजनिक होना चाहिए.

भूपेश ने कहा कि ‎पहले गरीब लोगों के लिए धर्मार्ध अस्पताल शुरू करने की बात कही गई थी और अब इस हॉस्पिटल का व्यावसायिक इस्तेमाल होगा. उन्होंने कहा कि जनता की संपत्ति को मुफ्त में वेदांता को दे दिया गया. उन्होंने कहा कि ‎नाम तो सीएसआर का है, लेकिन स्वहित में वेदांता ने काम कर लिया है और इस पर रमन ने मुहर लगा दी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ‎बिना सरकार की सहमति से इसका निर्णय कैसे हो गया.