हिंदू धर्म में सूर्य देव को जल अर्घ्य देने का खास महत्व बताया गया है. कहते हैं कि नियमित रूप से स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर होता है और सूर्य के तेज की तरह चमकने लगता है. सूर्य देव को जल अर्पित करना अत्यंत आवश्यक है. यदि आप लगातार भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा गायब होने लगती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ने लगती है.

सूर्य देव को माना जाता है आत्मा ग्रह

सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है, नौकरी छूटने का भय हो तो सूर्य देव की पूजा करें सूर्य देव की पूजा करने से शत्रु और रोग नष्ट होते हैं. अर्घ्य देते समय अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपको कई फायदे मिलने शुरू हो जाएंगे. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, वे ज्यादातर सरकारी नौकरी में अटके रहते हैं, व्यापार ठीक नहीं चलता है और ऑफिस में कलह की समस्या होती है. Read More – 10 मिनट सुबह-सुबह नंगे पैर घास पर चलें, नहीं होगी ये 6 बीमारी..

सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के बर्तन का प्रयोग करें, क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है. सूर्य देव को जल चढ़ाते समय उसमें अक्षत, रोली, फूल आदि डाल दें, फिर जल अर्पित करें. सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें. सूर्य को जल अर्पित करते समय भूमि पर गिरती जलधारा से सूर्य को देखने से आंखों की चमक बढ़ जाती है. सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद जल को अपने सिर पर लगाएं, सूर्य देव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे. Read More – Constipation : अगर आपको भी है कब्ज की परेशानी, तो रोज करें उत्कटासन …

सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है. आपकी सफलता और प्रसिद्धि से लेकर आपकी बदनामी तक, हर जगह सूर्य का योगदान है. अगर नौकरी छूटने का डर है तो सूर्य देव की पूजा करें. सूर्य देव की पूजा करने से शत्रुओं और रोगों का नाश होता है और भय से मुक्ति मिलती है. सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और नकारात्मकता दूर होती है.