तिथि की शुरुआत 14 जून की रात 12ः05 पर होगी. वहीं, तिथि का समापन अगले दिन 15 जून को देर रात 02ः34 पर होगा. उदयतिथि को महत्व देते हुए महेश नवमी 15 जून को मनाई जाएगी.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महेश नवमी के दिन माता पार्वती और भगवान शिव ने 72 क्षत्रियों को श्राप मुक्त किया था. यह सभी ऋषियों के श्राप से पत्थर हो चुके थे. इन्हें माता पार्वती ने आशीर्वाद दिया की आपके ऊपर हमारी छाप रहेगी. तुम्हारा वंश माहेश्वरी के नाम से जाना जाएगा. यह दिन माहेश्वरी समाज के लिए बहुत ही खास होता है.
महेश नवमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से लेकर अपार सुख, धन-संपदा, अखंड सौभाग्य और प्रसन्नता की प्राप्ति होती है. भगवान शिव जी की आज्ञा से ही इस समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य धर्म को अपनाया था. इसलिए आज भी ‘माहेश्वरी समाज’ के नाम से इसे जाना जाता है. Read More – Juhi Chawla ने दिया Shahrukh khan का हेल्थ अपडेट, कहा – IPL के फाइनल मैच जरूर आएंगे वो …
समस्त माहेश्वरी समाज इस दिन श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं. इस बार महेश नवमी के दिन भगवान शिव जी का सबसे प्रिय दिन सोमवार पड़ने के कारण इस तिथि का महत्व अधिक बढ़ गया है. Read More – शादी करने जा रहे Abdu Rozik, वीडियो शेयर कर फैंस को दी खुशखबरी …
महेश नवमी 2024 पूजा मुहूर्त
महेश नवमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 15 जून को सुबह 7ः08 से लेकर सुुबह 8ः53 तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता की विधि-विधान से पूजा करें. ऐसा करने से उनके आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
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