प्रतीक चौहान. रायपुर. चंद दिनों पहले रेलवे के खाते से  करीब 2 करोड़ रूपए के गबन का मामला सामने आया है, अब उसी डब्ल्यूआरएस से केबल चोरी होने का मामला आया है, जो पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.

 इस चोरी की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि यहां हुए केबल चोरी की सूचना रेलवे अधिकारी और ठेकेदार ने खुद मौखिक में आरपीएफ से की. आरपीएफ ने इस मामले में जांच शुरू की तो रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने आरपीएफ को ये कह दिया है कि इस मामले में अभी जांच की ज्यादा तेजी न दिखाई जाए, क्योंकि 22 को जीएम निरीक्षण में आने वाले है.

वहीं अभी ये भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये केबल ठेकेदार का था या रेलवे का. सूत्र बताते है कि ठेकेदार ने कुछ दस्तावेज दिए है, जिसके मुताबिक केबल रेलवे को हैंडओवर हो चुका था, लेकिन इसकी पुष्टि आरपीएफ को अभी रेलवे ने नहीं की है.

यही कारण है कि बिना एफआईआर दर्ज किए इस पूरे मामले की जांच में आरपीएफ का अमला लगा हुआ है. वहीं अभी ये भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि केबल की कीमत क्या है, क्योंकि इसका बिल अभी ठेकेदार की तरफ से नहीं सौंपा गया है.

कबाड़ी के पास मिला रेलवे का लोहा, लेकिन कहा से हुआ चोरी…. ये किसी को नहीं पता

रायपुर रेल मंडल की रेलवे क्राइम ब्रांच की टीम ने गोंदवारा से एक कबाड़ी को गिरफ्तार किया है. कबाड़ी के पास से रेलवे का स्क्रैप मिला है. कबाड़ी के खिलाफ आरपीएफ पोस्ट डब्ल्यूआरएस में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कबाड़ी से पूछताछ में ये पता चला है कि उसे लोहा बेचने वाले ने बताया कि ये लोहा डब्ल्यूआरएस का है. लेकिन यहां से लोहा चोरी होने की कोई शिकायत आरपीएफ के पास नहीं आई है. स्क्रैप की कीमत करीब 13 हजार रूपए आंकी गई है.

 वहीं आरपीएफ ने रिमांड में लेकर दो दिनों तक उक्त आरोपी को गेट में बिठाकर भी रखा, जिससे वो उसे लोहा बेचने वाले की पहचान कर सके. लेकिन वो वहां आने-जाने वाले लोगों में से किसी को पहचान नहीं सका. गिरफ्तार किए गए आरोपी कबाड़ी का नाम प्रहलाद महेश्वर बताया जा रहा है.

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