रायपुर. परिवार के किसी भी सदस्य को कैंसर होने की खबर सुनते ही पूरे परिवार में उसके इलाज के खर्च की चिंता सताने लगती है और कैंसर का इलाज इतना महंगा है कि इलाज में पैसे खर्च करते-करते ही परिवार पूरी तरह टूट जाता है. लेकिन अब कैंसर मरीज के परिजनों को कैंसर के जांच में पैसे खर्च करने से थोड़ी राहत जरुर मिलेगी. राहत थोड़ी बहुत नहीं बल्कि पूरे 25 हजार रुपए तक की होगी.

क्योंकि कैंसर की जांच के लिए अब तक की सबसे महंगी जांचों में से एक पैट सिटी स्कैन के लिए उन्हें कोई भी कैश नहीं देना होगा. क्योंकि राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में यह जांच मरीजों के लिए कैशलेस होगी और जांच में जो भी शुल्क होगा वह उनके स्मार्ट कार्ड से कट जाएगा. अब तक मरीजों को यह जांच निजी अस्पतालों में 17 से 25 हजार रुपए खर्च करने के बाद होती है. लेकिन अंबेडकर अस्पताल में 16 करोड़ रुपए की नई पैट सिटी स्कैन मशीन लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है और जल्द ही मरीजों को यह सुविधा मिलने वाली है. अस्पताल में यह जांच पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत शुरू होगी और अस्पताल में इलाज करने वाले मरीजों यह सुविधा का लाभ ले सकेंगे. यदि निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज अस्पताल में केवल यह जांच कराना चाहेंगे तो उन्हें शुल्क देना होगा, हालांकि यह अभी तय नहीं हुआ है कि उनके लिए क्या शुल्क निर्धारित किया जाता है. वहीं अंबेडकर अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए यह जांच 8 रुपए में होगी और पैसे स्मार्ट कार्ड से ही लगेंगे.

क्या होता है पैट सिटी स्कैन ?

पीईटी या पैट स्कैन एक इमेजिंग टेस्ट होता है, जो शरीर में रोगों व अन्य स्थितियों की पहचान करने में डॉक्टर की मदद करता है. पीईटी का मतलब होता है पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी. यू तो कैंसर के जांच में विभिन्न प्रकार की जांचे उपयोगी है, लेकिन कोशिकाओं की वास्तविक स्थिति का सटीक पता पैट सिटी स्कैन से ही चल सकता है. इस जांच में मरीज को एक विशेष ग्लूकोज के साथ रेडियोआइसोटोप का इंजेक्शन दिया जाता है. यह दवा सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही पहुंचती है. इन कोशिकाओं से पाजीट्रान निकलते हैं, जिससे रेडियोएक्टिव आइसोटोप पकड़ लेता है. यही कैंसरग्रस्त कोशिकाएं होती हैं, जिनकी इमेज पूरी तरह साफ हो जाती है और पता चल जाता है कि कैंसर वाली कोशिकाएं किस अंग से सिग्नल दे रही हैं.