शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस जल्द अपने विधानसभा के उम्मीदवारों का जल्द ऐलान करने जा रही है. जिसको लेकर लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है. फाइनल लिस्ट पर अंतिम मुहर भी लगभग लग चुकी है. ये वो सीटें हैं, जहां दिग्विजय सिंह ने दौरा किया था. इन सीटों की रिपोर्ट कमलनाथ को दिग्विजय सिंह को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में ये बताया गया था कि किस तरह से कांग्रेस ये सीट जीत सकती है और उम्मीदवार कौन हो सकता है.

एमपी कांग्रेस का है ये प्लान

मध्यप्रदेश की 66 सीटों पर दिग्विजय सिंह ने दौरा किया था. ये वो सीट हैं, जहां कांग्रेस पिछले 2 दशक से चुनाव हार रही है. कांग्रेस की तरफ से प्लान तैयार किया गया था की कमजोर सीटों पर दौरे किए जाएं और फिर जाति को ध्यान में रखते हुए जनता के बीच जिसकी पकड़ है, उस नेता को चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले टिकट दिया जाए. उसी रणनीति के हिसाब से कांग्रेस ने ये फैसला लिया है.

चीतों की मौत पर एक्शन में सरकार: वाइल्डलाइफ के पीसीसीएफ जेएस चौहान पर गिरी गाज, इन्हें मिली नई जिम्मेदारी

एक तीरे से दो निशाना साधने की कोशिश

टिकट का जल्द ऐलान करके कांग्रेस एक तीर से दो निशाना साधना चाहती है. पहला हारी हुई सीट पर उम्मीदवार पहले घोषित कर प्रत्याशी को प्रचार प्रसार और जनता के बीच जाने में काफी समय मिल सकेगा. इसके साथ ही कांग्रेस की प्लानिंग ये है कि टिकट पहले घोषित कर बीजेपी पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके, जिसका लाभ चुनाव में उठाया जाए. अगस्त के पहले पखवाड़े में कांग्रेस टिकट घोषित कर सकती है.

पश्चिम बंगाल में हिंसा, बीजेपी ने गठित की जांच कमेटी: MP से कविता पाटीदार-संध्या राय और CG से सरोज पांडे समेत 5 महिला सांसद शामिल

दिग्गी की रणनीति पर कितनी मिलेगी कामयाबी

कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को उन सीटों पर दौरा करने के निर्देश दिए थे, जहां कांग्रेस लंबे समय से हार रही थी. ये पूरे प्रदेश की 66 सीटें है, जहां पर दिग्विजय सिंह ने दौरा किया. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने संगठन को मजबूत करने के लिए मंडलम और सेक्टर की बैठक ली और कार्यकर्ता में उत्साह बढ़ाया. साथ ही कार्यकर्ताओं का दिग्विजय सिंह ने दौरे के दौरान प्रत्याशी को लेकर उनका मन भी टटोला. वहीं कई जगह कार्यकर्ता और टिकट के दावेदारों को पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ काम नहीं करने को लेकर शपथ भी दिलाई.

इन सीटों पर कांग्रेस को मिल रही लगातार हार

कांग्रेस को जिन सीटों पर लंबे समय से हार मिल रही है. उनमें जबलपुर केंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मंदसौर, मल्हारगढ़,रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, नरयावली, भोजपुर, सागर, हरसूद, सोहागपुर, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच और मंदसौर सीट प्रमुख हैं, इसके साथ ही महू, गुना, शिवपुरी, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, नीमच और जावद सीट शामिल हैं.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus