रवि गोयल, जांजगीर-चांपा. जिला निर्वाचन कार्यालय जांजगीर-चांपा के अधिकारी-कर्मचारी शनिवार को उस वक्त सकते में आ गए, जब नामांकन फार्म खरीदने के लिए एक उम्मीदवार थाली में 10 हजार रुपए के सिक्के लेकर पहुंचा. सिक्के को गिनने में अधिकारी- कर्मचारियों को करीब 2 घंटे लगे, जिसके बाद संबंधित उम्मीदवार के नामांकन फार्म की रसीद काटी गई.

गौरतलब है कि दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन के पहले दिन चंद्रपुर विधानसभा सीट के लिए विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव एवं उनकी पत्नी संयोगिता सिंह जूदेव ने अलग-अलग नामांकन फार्म खरीदकर जहां सबको चौंकाया. वहीं नामांकन के दूसरे दिन जैजैपुर विधानसभा सीट के लिए जिला पंचायत सदस्य टेकचंद चन्द्रा ने अनोखे अंदाज में कलेक्ट्रेट पहुंचकर सबको सन्न कर दिया.

दरअसल, जिला पंचायत सदस्य टेकचंद चंद्रा शनिवार को नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे थे. उन्होंने नोटों के बजाय सिक्कों को शासकीय कोष में जमा कराना लाजमी समझा और वे विधानसभा क्षेत्र के लोगों से सहयोग बतौर मिले एक-एक रुपए को एक बोरे में भरकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट में उपस्थित लोगों को जब पता चला कि बोरे में सिक्के भरे हुए हैं तो वे सन्न रह गए. इसके बाद टेकचंद चंद्रा ने अपने सहयोगियों से एक बड़ी थाली मंगवाई और बोरे में भरे सिक्कों को उसमें उड़ेला गया, जिसे लेकर टेकचंद चंद्र सीधे रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचे और नामांकन फार्म खरीदने के लिए राशि जमा कराई. टेकचंद चंद्रा का यह अंदाज पूरे दिन जनसामान्य में चर्चा का विषय बना रहा. वहीं सिक्कों की गिनती करने में निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों को 2 घंटे से अधिक समय लग गया.

बता दें कि इससे पहले 26 अक्टूबर को कवर्धा विधानसभा में सुनील साहू ने 10 हजार रुपए चिल्हर के रूप में जमा कर अपना नामांकन खरीदा. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन लेने सुनील साहू 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ थैलियों में चिल्हर लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. नामांकन पत्र लेने के लिए जब सुनील ने चिल्हर से भरे थैली दिए तो कर्मचारियों के साथ अधिकारियों भी परेशान हो गए, और गिनने से आनाकानी करने लगे. आखिरकार कलेक्टर को दखल देना पड़ा और उनके निर्देश पर अधिकारियों ने चिल्हर को गिनना शुरू किया.