चंडीगढ़/नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भी दिल्ली में हैं. एक हफ्ते में दिल्ली का उनका ये दूसरा दौरा है. बुधवार को उन्होंने सांसद पत्नी परनीत कौर के निवास पर श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी से भी मुलाकात की. आज वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं. पिछले दौरे में अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मिले थे.

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अमित शाह से मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने बताया था कि पूर्व सीएम ने अमित शाह से मिलकर किसानों से जुड़े मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन पर भी बात हुई. कैप्टन ने शाह से जल्द से जल्द इन कानूनों को वापस लेकर एमएसपी लागू करने की मांग उठाई. इसके अलावा पंजाब में अलग-अलग फसल उगाने पर जोर देने की भी अपील की.

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वहीं NSA अजीत डोभाल से अमरिंदर सिंह की पंजाब की सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाए थे कि सिद्धू अस्थिर व्यक्ति हैं और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए ठीक नहीं हैं. नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि सिद्धू की इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर बाजवा से गहरी दोस्ती है और अगर उन्हें पंजाब में किसी भी बड़े पद पर रखा जाता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सही नहीं होगा.

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पंजाब में डटे हरीश चौधरी, अमरिंदर के हर कदम पर नजर

 

इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे को पंजाब में उनकी नई सियासी पारी से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस हाईकमान को भी इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ हाथ न मिला लें. वहीं राजस्थान के मंत्री हरीश चौधरी भी पंजाब में डटे हुए हैं. वैसे तो कांग्रेस ये कह रही है कि वह नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी की कलह सुलझाने आए हैं, हालांकि हकीकत ये है कि वे अमरिंदर सिंह का अगला दांव संभालने के लिए डटे हुए हैं.

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चिंता में कांग्रेस आलाकमान

 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 20 सितंबर को चन्नी सीएम बने. इसके बाद अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया, इसके बाद कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ गई है. अमरिंदर 52 साल से पंजाब की राजनीति में हैं. कांग्रेस को डर है कि कैप्टन जब भी अपने अगले सियासी संगठन की शुरुआत करेंगे, तो उनके विधायक टूट सकते हैं. सूत्रों की मानें तो करीब 15 विधायक अमरिंदर सिंह के संपर्क में हैं, जिनमें अच्छी परफॉर्मेंस के बावजूद सिर्फ कैप्टन के करीबी होने की वजह से मंत्री पद से हटाए गए विधायक भी शामिल हैं. ऐसी सूरत में पंजाब में कांग्रेस बहुमत में रहे और सरकार रहते ही चुनाव का सामना करे, इसको लेकर हरीश चौधरी विधायकों के भी संपर्क में हैं.