Car Tips for Summer : दिनोंदिन तेज धूप निकलने और भारत के कई हिस्सों में लू का सितम बढ़ने के साथ, यह सोचना मुश्किल नहीं है कि आने वाले महीनों में हालात कितने कठिन होने वाले हैं. एसी चालू रखने से लेकर ज्यादा फ्लूइड पीने और कई बार नहाने तक, हमने कई तरह से गर्मी को मात देने की कोशिश की है. जबकि हम खुद को तेज गर्मी को मात देने के लिए तैयार रख रहे हैं. हमारी कारों को भी थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. उच्च तापमान न सिर्फ मानव शरीर पर बल्कि वाहनों के परफॉर्मेंस पर भी असर डालता है. इसलिए ऐसे गर्म मौसम में कार का उचित रखरखाव जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जरूरत पड़ने पर वाहन खराब न हो.

AC की सर्विस

गर्मियों के दौरान सबसे ज्यादा काम करने वाले कंपोनेंट्स में एयर कंडीशनिंग सिस्टम का नाम शामलि है. कार मालिक अक्सर अपने एसी यूनिट के बारे में शिकायत करते हुए कहते हैं कि गर्मी के दौरान केबिन को ठंडा करने में बहुत समय लगता है. इस समस्या के बचने के लिए सुनिश्चित करें कि केबिन एयर फिल्टर साफ हो, क्योंकि गंदे फिल्टर के परिणामस्वरूप एसी का प्रदर्शन खराब हो सकता है और केबिन के अंदर दुर्गंध भी आ सकती है.

बैटरी का रखें ख्याल

कार की बैटरियां हुड के नीचे होती है और सालों तक चलती है और अधिकतर लोग बदलते मौसम के अनुसार इस पर ध्यान नहीं देते हैं. ज्यादा तापमान और उसके बाद की गर्मी और कंपन कार की बैटरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह उसमें आंतरिक टूट-फूट का कारण बन सकता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए, बैटरी की समय-समय पर जांच करें कि यह सुरक्षित रूप से जुड़ी हुई है या नहीं. अत्यधिक गर्मी बैटरी फ्लूइड को भी जल्दी सुखा सकता है, जिससे इसके इंटरनल पार्ट्स में जंग लग सकता है. इस तरह के जंग की जांच और सफाई सुनिश्चित करें. अगर बैटरी तीन साल से ज्यादा पुरानी हो गई है, तो उसे मैकेनिक जरूर चेक करवाएं.

टायर प्रेशर

कार के टायर भयंकर गर्मी के प्रति रिएक्टिव हो सकते हैं. उचित एयर प्रेशर बनाए रखने से हीटिंग से जुड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है. इसलिए टायर प्रेशर को नियमित रूप से चेक करते रहें. हर बार रिफ्यूलिंग के समय पेट्रोल पंप पर ऐसा किया जा सकता है.

इंजन को ठंडा रखें

इंजन आपकी कार का दिल होता है. गर्मी में सबसे ज्यादा दिक्कत इंजन ओवरहीट की होती है. इसलिए कूलिंग सिस्टम की कंडीशन चेक करना जरूरी है. कार में कूलेंट का लेवल भी रेगुलरली चेक करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर रिप्लेस करना चाहिए. इसके अलावा कूलिंग सिस्टम के लीक पर भी ध्यान देना जरूरी है. अगर कूलिंग सिस्टम में लीक रहेगी तो इंजन खराब होने का खतरा रहता है. रेडिएटर को भी साफ रखें. अगर कोई क्लॉग होता है तो कूलिंग खराब हो सकती है.

कार का इंटीरियर

तेज टेंपरेचर आपकी कार का अंदरूनी हिस्सा गर्म कर देता है. इसकी वजह से कार में बैठना मुश्किल हो जाता है. आप विंडशील्ड और विंडो पर सन शेड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे कार का इंटीरियर ठंडा रहेगा और डैशबोर्ड में क्रैक नहीं आएंगे. हीट का असर लेदर सीट पर भी होता है. लेदर सीट को सॉफ्ट और क्रैकिंग से बचाने के लिए लेदर कंडीशनर का इस्तेमाल कर सकते हैं. नियमित तौर पर वैक्यूम क्लीनिंग और डस्टिंग के साथ आप कार की केयर कर सकते हैं.