नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की प्रत्यर्पण पर ईस्टर्न कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. चोकसी के वकील ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि उसे कानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसे शुरू में अपने वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी. इस मामले में आज फिर से सुनवाई होगी. कोर्ट ने 28 मई को स्थानीय समयानुसार 9 बजे सुनवाई के लिए कहा है.

डोमिनिका में चोकसी के वकील वेन मार्श ने कहा कि वे एंटीगुआ के नागरिक हैं भारत के नहीं. हमने सुना है कि एंटीगुआ के पीएम ने डोमिनिकन पीएम से चोकसी को भारत भेजने कहा है क्योंकि अगर चोकसी वापस एंटीगुआ पहुंचते हैं तो उन्हें संविधान के मुताबिक संरक्षण देना होगा.

मेहुल चोकसी अभी डोमिनिका में पुलिस की हिरासत में है. पुलिस का कहना है कि उससे लगातार पूछताछ जारी है. वहीं मेहुल के वकील विजय अग्रवाल ने कहा था कि हमारी कानूनी टीम ने अदालत में याचिका दाखिल की है ताकि मेहुल चोकसी तक पहुंच बनाई जा सके और उन्हें कानूनी मदद दी जा सके.

एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउने ने पड़ोसी देश डोमिनिका से भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने के लिए कहा है. चोकसी को डोमिनिका में पकड़ा गया था. मंगलवार रात को डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी की खबरों के बाद ब्राउने ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उन्होंने डोमिनिका के प्राधिकारियों को चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. मेहुल चोकसी को डोमिनिका सरकार वापस एंटीगुआ और बारबुडा भेजेगी. प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया.

वकील मार्श वेन के मुताबिक, मेहुल ने आरोप लगाया कि उनका अपहरण कर लाया गया है. उनके साथ मारपीट भी की गई. वकीलों ने मामले में राहत के लिए अदालत में अपील दाखिल की है.

चोकसी हाल ही में एंटीगुआ और बारबूडा से फरार हो गया था और उसके खिलाफ इंटरपोल के ‘‘येलो नोटिस’’ के मद्देनजर पड़ोसी डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था. एंटीगुआ की मीडिया में बुधवार को यह खबर आई. एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टॉन ब्राउने ने कहा कि उन्होंने डोमिनिका को हीरा कारोबारी को सीधे भारत को सौंपने को कहा है.

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