देवरिया. बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान पर एक लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का उपयोग करने के लिए मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने आपत्तियों के बावजूद एक महिला रोगी की जांच करने के लिए एम्बुलेंस में जबरन प्रवेश किया. समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर देवरिया-कुशीनगर सीट से एमएलसी का चुनाव लड़ रहे खान ने हालांकि आरोप लगाया है कि मामला राजनीति से प्रेरित है.

घटना 26 मार्च को हुई थी, लेकिन बाद में भालुहानी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में कार्यरत एम्बुलेंस चालक प्रकाश पटेल की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था. देवरिया अंचल अधिकारी श्रीयश त्रिपाठी ने कहा कि खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 332 (लोक सेवक को उसकी ड्यूटी से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस के मुताबिक एंबुलेंस चालक ने अपनी शिकायत में बताया कि 26 मार्च को एक महिला मरीज को इलाज के लिए पीएचसी लाया गया था और उसकी जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे देवरिया जिला अस्पताल रेफर कर दिया. उसे पीएचसी एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चूंकि एम्बुलेंस में आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन नहीं थी, इसलिए वे अपने साथ अंबु बैग (कृत्रिम मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट) ले जा रहे थे. लेकिन, अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचते ही महिला की मौत हो गई.

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पटेल ने आरोप लगाया कि कुछ देर बाद खान जबरन एंबुलेंस में घुस गए और सरकारी काम में बाधा पैदा करते हुए महिला मरीज की जांच करने लगे. 28 मार्च को, खान ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें उन्हें एम्बुलेंस के अंदर और फिर अस्पताल में एक मरीज का इलाज करते देखा जा सकता है. उन्होंने लिखा कि, मैं एक महिला को अस्पताल ले गया था, जो एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी. जब मैं अस्पताल से बाहर आ रहा था, तो एक युवक ने मुझसे एम्बुलेंस के अंदर पड़ी अपनी मां की जांच करने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेरे खिलाफ मामला इसलिए दर्ज किया गया क्योंकि मैंने अस्पताल और एम्बुलेंस में मिली कमियों के बारे में ट्वीट किया था. मेरे खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है. मैं चुनाव लड़ा हूं और लोगों ने मेरा समर्थन किया हैं. मेरा ध्यान भटकाने के लिए, उन्होंने मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया. मैं इस मामले को अपने उत्पीड़न की निरंतरता के रूप में देखता हूं.