मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाईटेंशन करंट से 6 कांवड़ियों की मौत का मामले में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. कांवड़यात्रा में PVVNL की लापरवाही सामने आयी है. बिजली विभाग की लापरवाही से कांवड़ियों की मौत हुई थी. प्रशासनिक जांच में हाईटेंशन पर गार्डिंग ही नहीं मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक हाईटेंशन लाइन मानक से ढाई फीट नीची मिली है.

इसे भी पढ़ें: दारोगा ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, साले को फोन कर कहा- अंतिम संस्कार की करो तैयारी

जांच में पाया गया कि 440 वोल्ट लाइन भी मानक से करीब 2 फीट नीची मिली. डीजे की ऊंचाई 15.10 फीट और हाईटेंशन 17.5 फीट थी. लटक रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से करंट उतरा था. बिजलीघर का फोन कई बार कॉल करने के बाद भी नहीं उठा.

इसे भी पढ़ें: हिंदू बनकर युवती को प्रेम जाल में फंसाया, शादी का झांसा देकर युवती से करता रहा दुष्कर्म

प्रशासनिक जांच टीम में PVVNL के SE एके सिंह भी शामिल हैं. पीवीवीएनएल MD का झूठ पकड़ाया है. 22 फीट DJ और कांवड ऊंचा था. कांवड़ियों के अंतिम संस्कार के एक घंटे बाद MD ने दावा किया. सुलगती चिताओं के बीच MD ने झूठ बोलकर तथ्य को नकार दिया. साथ ही कांवड़ियों को ही उनकी मौत का जिम्मेदार बताया गया था.

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश से सकुशल अपने वतन लौट आया अजय, प्रेमिका से पत्नी बनी जूली ने ही पार कराई सरहद

गौरतलब है कि हरिद्वार से जल लेकर आ रहे कावड़िए 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गए. हादसे में 6 कावड़ियों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग झुलस गए. डीजे वाली कावड़ में 16 कावड़िए सवार थे. सभी हरिद्वार से गंगाजल लेकर मेरठ के रॉली चौहान गांव लेकर आ रहे थे.

इसे भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस पर CM योगी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बोले- हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक