कुमार इंदर, जबलपुर। महाकौशल क्षेत्र के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में जिंदा मरीज को मुर्दा बताने और डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 4 पीजी डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम भी गठित की है। मामले में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया गया है। बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, जबलपुर संभाग के सबसे बड़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में जबलपुर के गौरी घाट स्थित रहने वाले 66 वर्षीय इंद्रजीत सिंह शुक्ला को अचानक तबियत बिगड़ने पर 26 तारीख की रात को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी अगली सुबह 27 जनवरी को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और बाकायदा एक स्लिप भी थमा दी गई। जिसमें यह लिखा हुआ है कि इंद्रजीत शुक्ला की 27 तारीख को मौत हो चुकी है।
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परिजनों ने जब अपने मरीज की हालत देखी तो उसकी सांसे चल रही थी, इस बात की जानकारी उन्होंने डॉक्टर को दी जिसके बाद हरकत में आए डॉक्टरों ने वापस से मरीज को वेंटिलेटर पर रख दिया। मरीज की हालत अभी भी क्रिटिकल बनी हुई है।
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