शब्बीर अहमद,भोपाल। सीनियर IAS अधिकारी पी नरहरि के फर्जी व्हाट्सएप चैट के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। वहीं मामले में अभी मुख्य आरोपी रमन वीर सिंह अरोड़ा पुलिस की पकड़ से दूर है। जानकारी के अनुसार साइबर क्राइम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपी को इंदौर के खजराना से पकड़ा है।
दरअसल, 1 फरवरी को सेडमेप भोपाल की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर महिला अधिकारी ने थाना क्राइम ब्रांच में शिकायत की, कि उनके और एक वरिष्ठ आई.ए.एस.अधिकारी सेकेट्री एवं कमिश्नर, एम.एस.एम.आई सैकेट्री, की आपत्तिजनक चैट का स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है। ऐसा उन्हें बदनाम करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों ने रंजिशवश सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा था कि वायरल चैट से अत्यधिक बदनामी और मानहानि तथा मानसिक वेदना हो रही है। जिसे रोका जाना आवश्यक है। फर्जी स्क्रीन शॉट से शिकायतकर्ता तथा उनके अधिकारीगण का कोई लेनादेना नहीं है। ऐसे असामाजित तत्वों का पता लगाया जाकर उनके विरूध्द कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाए।
वहीं इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस के बड़े अधिकारियों ने आरोपी का पता लगाकर कही से भी खोजकर गिरफ्तार कर कड़ी वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिसके सहायक पुलिस आयुक्त अपराध के मार्ग दर्शन में थाना क्राइम ब्रांच की टीम गठित कर तत्काल सक्रिय किया गया।
जिनके द्वारा आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकि संसाधनों के आधार पर पता लगाया कि इंदौर के रहने वाले जावेद मोहम्मद पिता शफी मोहम्मद खान ने अपने सेठ रमनवीर सिंह अरोरा के कहने पर फर्जी स्क्रीन शॉट, एप के माध्यम से बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किए था। जिसे क्राइम ब्रांच की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। मामले में अनुसंधान एवं फरार मुख्य आरोपी रमनवीर सिंह अरोरा की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
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