भोपाल/सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पत्रकार और उसके अन्य साथियों के थाने में कपड़े उतारने (अर्धनग्न) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसएसपी रेडियो अमित सिंह भोपाल को मिली है. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. एक सप्ताह में डीजीपी और रीवा आईजी से जवाब मांगा है.
इधर डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मामले में संज्ञान लिया है. एसपी रेडियो अमित सिंह को जांच अधिकारी बनाकर सीधी भेजा है. अमित सिंह मामले की जांच कर डीजीपी को रिपोर्ट सौंपेंगे. डीजीपी के निर्देश पर इस मामले में पहले ही थाना प्रभारी और एसआई निलंबित हो चुके हैं. सीधी पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होगी. कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी और अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश के सीधी में मीडिया से जुड़े लोगों की जिस तरह की तस्वीरें सामने आई है. वह बेहद शर्मनाक है. जिस तरह के राजनैतिक दबाव की बात सामने आ रही है. उसकी उच्चस्तरीय जाँच होना चाहिए. इस पूरे मामले में दोषियों पर जो कार्रवाई की गई है, वो नाकाफ़ी है. ज़िम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. शिवराज सरकार में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ यह व्यवहार बेहद निंदनीय है.
बता दें कि सीधी जिले के कोतवाली थाने के बंदी गृह में अंडरवियर में खड़े पत्रकार और उसके अन्य साथियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की. वायरल फोटो में यू-ट्यूबर पत्रकार और कुछ लोग अर्ध नग्न हालत में थाने के अंदर खड़े थे. वहीं दूसरे फोटो में बंदी गृह में अर्ध नग्न अवस्था में बैठे हुए थे. पत्रकारों के बदन पर कपड़े के नाम पर सिर्फ अंडर गारमेंट था. फोटो वायरल होने के बाद पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया था.
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