रायपुर। राजनांदगांव में व्यापारी महावीर चौरड़िया की आत्महत्या का मामला सदन में उठा. विपक्ष ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद व्यापारी ने आत्महत्या की है. उसने अपने सुसाइड नोट में आत्महत्या की वजह लिखी है. विपक्ष ने कहा कि ये मामला हजारों करोड़ रुपए के लेनदेन से जुड़ा हुआ है.

विपक्ष ने स्थगन की सूचना देकर चर्चा कराने की मांग की. इस पर आसंदी ने स्थगन अग्राह्य किया. कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से जवाब आना चाहिए.

कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में व्यापारी सुरक्षित नहीं है. व्यापारियों के बीच हताशा का माहौल है. सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.

मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि ये स्थगन का विषय नहीं बनता. मुझे लगता है कि घटनाक्रम और घटना की जगह विपक्ष के लिए ज्यादा मायने रखता है. वहीं अरुण वोरा ने कहा कि ये सिर्फ राजनांदगांव का मामला नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में व्यापारी जीएसटी और नोटबंदी के बाद से परेशान हैं.

क्या है मामला ?

बता दें कि शहर के सबसे बड़े फाइनेंस ब्रोकर महावीर चौरड़िया ने खुदकुशी कर ली थी. शहर ही नहीं बल्कि राजधानी रायपुर, बिलासपुर के साथ ही अन्य राज्यों के करोड़ों रुपए फंसे हैं. महावीर अन्य राज्यों के करोड़ों रुपए का लेन-देन करता था.

सुसाइड नोट में महावीर ने लिखा था- दोस्तों मैं महावीर चौरड़िया, आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिंदगी से थक गया हूं, मैं अपने व्यापारियों को पैसा नहीं दे पा रहा हूं, नोटबंदी और जीएसटी से पैसा आना एकदम कम हो गया है। पेमेंट समय पर नहीं आ पा रहा. सबसे बड़ी परेशानी धनलक्ष्मी पेपर मिल के विनोद लोहिया और अशोक लोहिया हैं. मेरा पैसा रोक लिया व जब्त कर लिया.