कुमार इंदर, जबलपुर। NEET परीक्षा परिणाण में धांधली मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रारंभिक तौर पर सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार की है। याचिकाकर्ता के वकील ने NEET के परिणामों से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सीज करने की मांग उठाई। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि रिकॉर्ट में टेंपरिंग हुई तो बहुत कुछ बदल दिया जाएगा। HC से इस पूरे मामले की हाई लेवल इंक्वायरी के साथ ही नए सिरे से NEET की परीक्षा कराए जाने की गुहार लगाई है।

एमपी हाईकोर्ट में जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई होगी। NTA नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, NMC यानि नेशनल मेडिकल कमीशन और प्रदेश सरकार को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने सभी को याचिका की एडवांस कॉपी दी है। पक्षकार भी उच्च न्यायालय में जवाब पेश करेंगे। आपको बता दें कि जबलपुर निवासी छात्रा अमीषी वर्मा ने हाईकोर्ट ने याचिक दायर की है। जिसमें उन्होंने नीट परीक्षा 2024 में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

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छात्रा ने याचिका में कही ये बात

छात्रा अमीषी वर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसने भी नीट 2024 की यूजी परीक्षा दी थी और उसे 720 में से 615 अंक हासिल हुए हैं। जबकि उसे 700 से भी ज्यादा नंबर मिलने की उम्मीद थी। याचिका में हवाला दिया गया कि एक कोचिंग सेंटर के आठ छात्रों के नाम व रोल नंबर एक समान दिए गए हैं। बताया गया कि सभी छात्रों को परीक्षा में शत प्रतिशत अंक मिले हैं। इसके अलावा याचिका में एक ही कोचिंग संस्थान के 6 छात्रों को शत प्रतिशत अंक और दो को 718 और 719 अंक प्राप्त होने पर भी सवाल उठाए गए हैं।

रिजल्ट जारी करने में करोड़ों का हुआ लेनदेन- याचिकाकर्ता के वकील

याचिकाकर्ता छात्रा अमीषी वर्मा के अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अब तक व्यापम घोटाला ही हुआ था। लेकिन 2024 नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी व्यापम से कई गुना बड़ा है और इसे व्यापमं का बाप कहा जा सकता है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने आरोप लगाया है कि इस परीक्षा के परिणाम जारी करने में करोड़ों रुपयों का लेनदेन हुआ है। उन्होंने कहा है कि आज तक के इतिहास में नीट परीक्षा में अब तक टॉपर आने वाले तीन छात्रों को ही 720 अंक मिले थे। लेकिन 2024 की परीक्षा में 67 ऐसे छात्र हैं जिन्होंने 720 में से 720 नंबर हासिल किए हैं।

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माइनस मार्किंग को लेकर कही ये बात

इसके अलावा माइनस मार्किंग का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा है कि अगर परीक्षार्थी ने एक भी गलत उत्तर दिया है तो उसके चार नंबर काटने का प्रावधान है। लेकिन परीक्षा के परिणाम में छात्रों को 717, 718 और 719 नम्बर तक दिए गए हैं जिससे भारी गड़बड़ी की आशंका पैदा हो रही है। उनका कहना है कि परीक्षा परिणाम के सामने आने से ऐसा लगता है कि पहले से ही परीक्षा में गड़बड़ी की साजिश रची गई थी। पहले से पेपर दिए गए थे और केंद्र भी बना दिए गए थे और छात्रों को मिली भगत करके उन्हें उत्तर पुस्तिका में गोले लगाने के लिए ही परीक्षा में सम्मिलित किया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हरियाणा के छात्रों के गुजरात में जाकर परीक्षा देने और गुड़गांव के छात्रों के झज्जर के परीक्षा केंद्र में शामिल होने का भी अपनी याचिका में जिक्र किया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में नेशनल मेडिकल काउंसिल, मध्य प्रदेश सरकार और नीट की परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को पार्टी बनाया गया है। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही फिर से टेस्ट लेने और एडमिशन पर स्टे लगाने की गुहार लगाई गई है।

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