रायपुर। अजीत जोगी की जाति पर हाई पावर कमेटी के फैसले की कॉपी का इंतज़ार सभी को था. ये कॉपी लल्लूराम डॉट कॉम के हाथ लगी है. इस कॉपी के आखिरी पन्ने में लिखा है कि अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति के लाभ के पात्रता नहीं रखते. इसलिए उनके समस्त जाति प्रमाण पत्र रद्द किया जाता है. और कलेक्टर बिलासपुर को तदानुसार कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हैं.
सबसे पहले खुलासा लल्लूराम डॉट ने अपनी रिपोर्ट में सबसे पहले किया था कि रिपोर्ट का मुख्य बिंदु क्या है.
लल्लूराम डॉट कॉम के पास पूरे 16 पन्नों के आदेश की कॉपी है जिसमें ज़मीन, रिश्तेदारी और सरकारी रिकार्ड के आधार पर जोगी के दावे की जांच कमेटी ने की है. रिपोर्ट की कॉपी हमें दैनिक अख़बार हरिभूमि के सौजन्य से मिली है.
अब आगे क्या हो सकता है
छत्तीसगढ़ में 2013 में छत्तीसगढ एसटी, एससी ओबीसी सोशल सर्टिफिकेशन एक्ट क्रमांक 13, 2013 रेग्युलेशन आफ सोशल सर्टिफिकेशन रूल 2013 लागू हुआ. इसके अंतर्गत धारा 4, धारा 9, धारा 10 और धारा 11 में अळग-अलग प्रावधान हैं. धारा 8 में जाति अगर फर्जी पायी जाती है तो हाईपावर कमेटी उसे शून्य करेगी. जो कि हाई पावर कमेटी ने किया है. लेकिन इसका खुलासा उसने नहीं किया था. जबकि यह प्रावधान है कि इसकी सूचना वो जारी करेगा.
जबकि धारा 10 के अंतर्गत सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है. जिसके लिए हाई पावर कमेटी ने कलेक्टर बिलासपुर को लिखा. लेकिन मामला हाई प्रोफाइल था लिहाज़ा कलेक्टर बिलासपुर पूरी सावधानी से कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने अब तक केवल जोगी की जाति निरस्त की है. धारा 11 के अंतर्गत ये पूरी तरह गैर जमानती अपराध है और पुलिस को अपराध दर्ज कर संबंधित को गिरफ्तार करने के निर्देश हैं. कलेक्टर को ये अधिकार होगा कि अब तक लिए गए लाभ कि रिकवरी की जाए. निरस्त करने का अधिकार हाईपावर कमेटी को है. शून्य घोषित होने के बाद कलेक्टर निरस्त करेगा.
हांलाकि जोगी पक्ष ने इस फैसले को पक्षपातपूर्ण बताया है. अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि कमेटी का निर्णय राज्य सरकार के इशारे पर आया है. उन्होंने ये भी कहा कि ये रिपोर्ट हाई पावर कमेटी की विजलेंस की रिपोर्ट के खिलाफ है.