विशाखापत्तनम। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, द्वारकानगर शाखा, विशाखापत्तनम के एक शाखा प्रबंधक को एक व्यक्ति से 1.30 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक, विजयनगरम के एक लिपिक की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

आरोपी शाखा प्रबंधक की पहचान अकेला श्रीनिवास अरुद्र के रूप में हुई है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति विजयनगरम में एक दुकान चला रहा था। उन्होंने 20 लाख रुपये के बिजनेस लोन के लिए इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक से संपर्क किया।

अधिकारी ने बताया कि शाखा प्रबंधक ने शिकायतकर्ता को फोन कर कर्ज की राशि का 10 फीसदी (2 लाख रुपये) रिश्वत के रूप में देने की मांग की।

आरोपी शाखा प्रबंधक ने शिकायतकर्ता को आगे सूचित किया कि ऋण स्वीकृत किया गया है और उसने कथित तौर पर ऋण राशि देने के एवज में रिश्वत की मांग दोहराई। बातचीत के बाद आरोपी ने कथित तौर पर मांग को घटाकर 1.30 लाख रुपये कर दिया। इस दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता को सूचित किया कि 20 लाख रुपये की ऋण राशि उसके खाते में जमा कर दी गई है।

पीड़ित व्यापारी तब तक सीबीआई से संपर्क कर चुका था। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने मामले की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाई।

सीबीआई ने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से 1.30 लाख रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया। विशाखापत्तनम और विजयनगरम में आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई। आरोपी को मंगलवार को विशाखापत्तनम की सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा।