मुम्बई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को समन भेजने पर विचार कर रही है।

एनएसई के संवेदनशील दस्तावेजों और गोपनीय जानकारियों को हिमालय के एक योगी के साथ साझा करने से आरोपों से घिरीं चित्रा रामकृष्ण की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं।

एनएसई की पूर्व प्रमुख के मुम्बई और चेन्नई स्थित आवास पर गुरुवार को आयकर विभाग का छापा भी पड़ा था। सूत्रों के मुताबिक छापे के दौरान कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किये गये।

आयकर विभाग ने कई लेनदेन और डिजिटल रिकॉर्ड की बारीकी से छानबीन की है। आयकर विभाग की टीम ने साथ ही चित्रा रामकृष्ण के कुछ कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किये हैं। गौरतलब है कि सेबी ने हाल ही में चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

सूत्रों के अनुसार, यह अज्ञात योगी संभवत: आनंद सुब्रमणियम ही थे, जिन्हें चित्रा ही एनएसई में लेकर आयी थीं। आनंद सुब्रमणियम उस ईमेल आईडी का पासवर्ड जानते थे, जिस पर चित्रा उस अज्ञात योगी को मेल भेजती थीं। चित्रा ने वर्ष 2014 से 2016 के बीच योगी की मेल आईडी पर ईमेल भेजा था।

चित्रा द्वारा भेजे गये ईमेल में एनएसई की संगठनात्मक जानकारी, लाभांश परि²श्य, वित्तीय परिणाम, मानव संसाधन नीति, नियामक को भेजे गये जवाब आदि जानकारियां साझा की गयी हैं।

संभावित अज्ञात योगी कहे जाने वाले सुब्रमणियम एनएसई के मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किये गये थे। वह वर्ष 2013 से 2015 तक इस पद पर रहे। इसके बाद वह ग्रुप ऑपरेटिंग अधिकारी और एमडी के सलाहकार नियुक्त हुये। वह इस पद पर वर्ष 2015 से 2016 तक रहे।

बाल्मर एंड लॉरी में मैनेजर के पद पर रहे सुब्रमणियम को पूंजी बाजार का कोई अनुभव नहीं था। उनकी सैलरी 15 लाख प्रतिवर्ष से बढ़ाकर एनएसई में 1.68 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की गयी। इसके बाद 2017 के अंतिम दौर में उनकी सैलरी बढ़ाकर 4.21 करोड़ रुपये कर दी गयी थी।