नई दिल्ली। 1200 करोड़ का चुनावी चंदा (Electoral Bond) देने वाली मेघा इंजीनियरिंग (Megha Engineering) पर सीबीआई (CBI) ने केस दर्ज किया है। मेघा इंजीनियरिंग के खिलाफ ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा केंद्र सरकार (Central government) की चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करने के फैसले के बाद हुई है। बॉन्ड के जरिए बड़ा चुनावी चंदा देने वालों में मेघा इंजीनियरिंग पूरे देश में दूसरे नंबर पर थी।
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सीबीआई ने एनआईएसपी के लिए ₹315 करोड़ के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस्पात मंत्रालय के एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के 8 अधिकारियों समेत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है।
बता दें कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। बॉन्ड से जुड़े डेटा के सामने आने के बाद से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड सुर्खियों में आई थी। पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी की कंपनी एमईआईएल ने ₹966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में रद्द कर थी चुनावी बॉन्ड स्कीम
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत फरवरी माह में राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे के लिए लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस स्कीम से जुड़ा पूरा डेटा एसबीआई की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग को सौंपा गया है। इसके बाद ईसीआई ने इसको सार्वजनिक तौर पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया था। इसके बाद चुनावी बॉन्ड खरीदारों की पूरी लिस्ट सामने आई थी।
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