नई दिल्ली। शासन की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले आईएएस अधिकारियों की ही साख पर बट्टा लग रहा है, और यह बट्टा स्वयं अधिकारी अपने कारनामों से लगा रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में सीबीआई ने 2011 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी के. राजेश के कार्यालय और आवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया.

के. राजेश का सौराष्ट्र में कलेक्टर के रूप में तैनाती के दौरान उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिली थीं. इसके अलावा संदिग्ध भूमि सौदों और हथियारों के लाइसेंस देने में हाथ होने का आरोप लगाया गया है. सभी प्राथमिक सूचनाओं पर विचार करने के बाद गुरुवार को सीबीआई दिल्ली यूनिट में के. राजेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

सीबीआई की दिल्ली यूनिट की एंटी करप्शन विंग की एक टीम गांधीनगर पहुंची और गांधीनगर में मौजूद सीबीआई अधिकारियों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया. गांधीनगर के अलावा सुरेंद्रनगर और सूरत में छापेमारी की गई. साथ ही सीबीआई टीमों को आंध्र प्रदेश में अधिकारी के गृह स्थल पर भेजा गया. क्योंकि सीबीआई को पता चला था कि कुछ प्राइवेट सिटीज़न्स भी भ्रष्टाचार के इन कामों में शामिल थे.

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