रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्व डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर (Former Deputy Chief Labor Commissioner) प्रफुल्ल कुमार नायक को CBI की विशेष अदालत ने 7 साल पुराने मामले में रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने के बाद चार साल कैद की सजा सुनाई है. बता दें कि इस मामले में सुनवाई के बाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) की न्यायधीश ममता पटेल (Justice Mamta Patel) ने आरोपी प्रफुल्ल नायक को सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपए आर्थिक जुर्माने भी लगाया है. सुनवाई के बाद आरोपी प्रफुल्ल कुमार नायक को रायपुर के सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.

CBI के विशेष लोक अभियोजक रजत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 7 अप्रैल 2016 को डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर के पद पर रहते हुए प्रफुल्ल नायक ने कलकत्ता की हिंदुस्तान इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन कंपनी (Hindustan Engineering Corporation) के लेबर लाइसेंस (labor license) को रिन्यू करने के लिए 22 हजार रिश्वत मांगी थी. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने चीफ लेबर कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार नायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ चार्ट शीट फाइल की गई थी. सभी गवाहों और अंतिम तर्क के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया है.

जानिए CBI ने कैसी किया रिश्वतखोरी का भंडाफोड़

गौरतलब है कि, कलकत्ता की हिंदुस्तान इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन कंपनी ने प्रफुल्ल कुमार नायक द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत CBI से की थी. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने प्रफुल्ल कुमार नायक को रंगे हाथ पकड़ने के लिए रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए दिए गए. उन नोटों पर सीबीआई की टीम ने पहले से फिलिथिन पाउडर (Filithin Powder) लगा रखा था. जैसे ही उसने रिश्वत लिया, तो टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया.

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