रेणु अग्रवाल, धार /अजय नीमा, उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रत्येक त्यौहार सबसे पहले मनाने की परंपरा है। इसी के तहत यहां ऋतुराज बसंत के आगमन का पर्व बसंत पंचमी मनाई। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सबसे पहले भस्म आरती में वसंत उत्सव मनाया गया। पुजारियों ने केसरिया पंचामृत से भगवान का अभिषेक पूजन कर भगवान को बसंत के पीले फूल और गुलाल अर्पित किया। वहीं धार जिले में भी आज बसंत पंचमी बड़े की हर्षोउल्लास से मनाई गई।

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उज्जैन के महाकाल मंदिर में तड़के भस्म आरती में भगवान का केसरिया पंचामृत से अभिषेक कर पीतांबर धारण कराकर वासंती फूलों से शृंगार किया गया। आकर्षक श्रंगार कर सरसों और गेंदे के पीले फुल अर्पित किए गए। साथ ही पीले रंग की मिठाई का महा भोग लगाया गया। आज श्रद्धालु और पुजारियों पीले वस्त्र में दिखाई दिए। हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है।

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इधर मध्यप्रदेश के धार जिले में आज बसंत उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। भोजशाला में सूर्य उदय से ही मां वाग्देवी की पूजा अर्चना कर हवन प्रारंभ किया। सुबह से ही यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है। जिसके चलते प्रशासन व पुलिस के सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता कर रखे।

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