वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. मस्तुरी क्षेत्र में सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई में जमकर हंगामा हुआ. इस सुनवाई में ग्रामीण अपनी समस्या और शिकायत दर्ज करा ही रहे थे कि सुनवाई में मौजूद अधिकारी ग्रामीणों की बातों पर आनाकानी करते रहे और पुलिस बल का प्रयोग करने लगी. वहीं ग्रामीणों को कंट्रोल करने पुलिस ने लाठी लहराकर खदेड़ा, जिससे ग्रामीण उग्र हो गए और जनसुनवाई का विरोध शुरू कर दिया. बिगड़ते मामले पर काबू पाने एसडीएम आरए कुरुवंशी ने जनसुनवाई को आगामी दिनों के लिए स्थगित की घोषणा की तब जाकर हंगामा शांत हुआ.

बिलासपुर के मस्तूरी सहित सोन-लोहर्सि में आज एसीसी सीमेंट की जनसुनवाई आयोजित थी, जिसमें एसीसी सीमेंट का प्लांट लगना है. इससे आसपास के लगभग 10 से भी अधिक गांव प्रभावित हो रहे हैं. इनमें बोहारडीह, गोडाडीह, टाँगर, लोहर्सि, घोडाडीह, भुरकुंडा आदि गांव शामिल हैं. इसके चलते यहां के ग्रामीण भड़के हुए हैं. ग्रामीण इस सीमेंट प्लांट का जमकर विरोध कर रहे हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर तोड़-फोड़ भी की है.

वहीं सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई करने के लिए एडीएम आरए कुरुवंशी, एसडीएम महेश शर्मा, पर्यावरण अधिकारी देवदत्त मिश्रा समेत अन्य अफसर पहुंचे थे. जब ग्रामीणों ने सुनवाई का पुरजोर अधिकारी किया तो लाठी मारकर भूमि अधिग्रहण करने का ग्रामीणों ने आरोप भी लगाया.

इस संबंध में बिलासपुर ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि लोहर्सि का जनसुनवाई पूरी तरह से गलत है. ईआईए की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर आज ग्रामीणों को ठगने का काम किया जा रहा था. इस रिपोर्ट में मल्हार के पौराणिक मां डिडनेश्वरी देवी का प्रचीन मंदिर, शिव मंदिर, जंगल, वन्यजीव, 135 तालाब, हजारों इमारती पेड़ों की जानकारी आदि जानकारियां छिपाकर रिपोर्ट तैयार किया गया है, जिसका हम विरोध करते है. ग्रामीणों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की निंदा करता हूं.

तोड़फोड़ करने पर हल्के बल का किया प्रयोग: एएसपी
गौरतलब है कि एडीएम आरए कुरुवंशी ने बताया कि ईआईए रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई की जा रही थी. रिपोर्ट तैयार करने का काम एक्सपर्ट का है. ग्रामीणों के विरोध पर जनसुनवाई की कार्यवाही को स्थगित किया गया. ग्रामीणों पर लाठीचार्ज मेरे कहने से नहीं किया गया, जिसने भी लाठीचार्ज का आदेश दिया, उसकी जांच कराई जाएगी और कार्यवाही भी की जाएगी. एएसपी गरिमा द्विवेदी ने कहा कि भीड़ तोड़फोड़ करने लगी थी और हंगामा कर रही थी इसलिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया.

ग्रामीणों ने कहा – प्लांट से हमें कोई फायदा नहीं
इधर ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से हमें कोई फायदा नहीं है. पूर्व में भी एक प्लांट खुला है, पिछले 18 सालों में 18 रुपए का भी फायदा नहीं हुआ. एसीसी का प्लांट लगने से 10 से अधिक गांव प्रभावित होंगे. इसके खुल जाने से फसल नुकसान होंगे और पानी के लिए महासंकट, त्राहिमाम होगा. आम जन जीवन प्रभावित होगा और बीमारी से ग्रसित होंगे इसलिए इसके खुलने का पूरी ताकत से विरोध करते हैं.

आक्रोशित ग्रामीणों को देख भागे अधिकारी
पुलिस द्वारा बल का प्रयोग करने पर भड़के ग्रामीण इतने आक्रोशित हो गए कि अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा. माहौल शांत हुआ तो अधिकारी दोबारा मौके पर पहुंचे और जनसुनवाई को स्थगित करने का ऐलान किया. इसके बाद ग्रामीण वापस लौटे. अब फिर से जनसुनवाई की तारीख तय की जाएगी.

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