निशा मसीह, रायगढ़। जिले में बंदरों की नसबंदी के लिए जल्द ही स्टरलाइजेसन ( नसबंदी सेंटर) सेंटर बनेगा। राजधानी रायपुर में स्थित वन्य जीव बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है. खास बात ये है कि तीन महीने पहले ही वन विभाग ने आगरा से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट को बुलवाकर उनसे बंदरों का सर्वे कराया था जिसमें एकस्पर्ट्स ने बंदरों की शिफ्टिंग व नसबंदी का प्रस्ताव दिया था. राज्य शासन की मंजूरी मिलने के बाद अब कार्ययोजना पर अमल का रास्ता साफ हो गया है. बंदरों की नसबंदी सेंटर स्थापित करने वाला रायगढ़ प्रदेश का एकमात्र जिला होगा.

दरअसल रायगढ जिले में बंदरों की बढती संख्या वन विभाग के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वन विभाग ने हाल ही में किए सर्वे के आधार पर रायगढ़ शहर के 15 किमी के रेडियस में तकरीबन साढे तीन हजार से अधिक बंदरों के होने की पुष्टि की थी.

सबसे अधिक बंदर बेहद संवेदनशील समझे जाने वाले जिंदल एयरपोर्ट, किरोडीमल नगर रेल्वे स्टेशन व रायगढ़ खरसिया एनएच के आसपास हैं. बंदरों की वजह से सुरक्षित लैंडिंग को लेकर कई बार एयरपोर्ट अथॉरिटी ने आपत्ति भी की है. इसे देखते हुए वन विभाग ने आगरा से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स को बुलाकर बंदरों का सर्वे भी कराया था. जिसमें वाइल्ड लाइफ के लिए काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस ने बंदरों की शिफ्टिंग व नसबंदी कराने की सलाह दी थी.

वन विभाग ने इस संबंध में राज्य शासन को भी प्रस्ताव बनाकर भेजा था. हाल ही में राजधानी रायपुर में हुई राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में रायगढ़ व कोरिया में स्टरलाइजेशन सेंटर की मंजूरी दे दी गई है. राज्य शासन से मंजूरी मिलने के बाद अब नसबंदी सेंटर की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. वन विभाग अब इसके लिए स्थल की तलाश में है.

अधिकारियों का कहना है कि अभी मंजूरी को लेकर शासन से लिखित में आदेश नहीं आया है लेकिन आदेश आते ही स्थल चयन से लेकर बजट स्वीकृति के साथ साथ आगे की प्रक्रिया शुरु की जाएगी. अधिकारियों का ये भी कहना है कि स्टरलाइजेशन सेंटर की स्थापना होने से बंदरों का उत्पात काफी कुछ कम होगा और संवेदनशील इलाकों में राहत मिल सकेगी.