दिल्ली की आप सरकार ने केंद्रीय बजट को जुमला करार दिया है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि मोदी जी ने 2014 में कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे, लेकिन 10 साल बीतने के बाद क्या इस देश के युवाओं को 20 करोड़ नौकरियां मिली? नहीं मिली. 10 करोड़ तो बहुत दूर की बात है, पिछले 10 सालों में मोदी जी की सरकार ने एक करोड़ नौकरियां भी नहीं दी. उन्होंने कहा कि आम बजट से इस बार भी दिल्ली सरकार को निराशा ही हाथ लगी.

केंद्रीय वित्त मंत्री ने दिल्ली को मिलने वाले फंड्स में कोई इजाफा नहीं किया. हालांकि, किसी प्रकार की कटौती भी नहीं की गई और पिछले वित्त वर्ष के जितना ही फंड इस बार भी एलोकेट किया गया है. केंद्रीय करों और शुल्कों में हिस्सेदारी के तहत इस बार भी दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपये ही मिले. वहीं, केंद्रीय सहायता के तहत भी 626 करोड़ रुपये ही एलोकेट किए गए हैं. इस तरह वित्त वर्ष 2024- 25 के लिए दिल्ली को कुल मिलाकर 951 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार से मिलेंगे. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की तरह ही इस वित्त वर्ष में भी केंद्र सरकार 200 करोड़ रुपये चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के रूप में देगी. ऐसे में दिल्ली को कुल 1168 करोड़ रुपये मिलेंगे .

दिल्ली सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने एक बयान में कहा कि दिल्ली के लोग जितना 5 इनकम टैक्स देते हैं, उस हिसाब से अगर दिल्ली को केंद्रीय करों में सही हिस्सेदारी दी जाए, तो केंद्र सरकार से कम से कम व 15 हजार करोड़ रुपये दिल्ली को मिलने चाहिए, लेकिन सिर्फ एक हजार करोड़ रुपये ही मिले हैं. इसके अलावा देशभर की अर्बन लोकल बॉडीज के लिए केंद्र सरकार ने बजट में पैसा रखा है, लेकिन दिल्ली की एमसीडी के लिए एक रुपया भी नहीं रखा है. तो बिल्कुल साफ है कि ये दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार है.