नई दिल्ली। तीनों कृषि कानून वापस हो गए हैं, लेकिन इसके खिलाफ चल रहा प्रदर्शन अभी भी खत्म नहीं हुआ है. इस बीच सिंघु बॉर्डर पर आज एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के दौरान मारे गए 700 से अधिक किसानों की सूची केंद्र सरकार को भेजी है. किसान नेता दर्शन पाल ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने 702 शहीद किसानों की सूची भेजी है. दरअसल सरकार से लोकसभा में पूछा गया था कि क्या सरकार के पास कोई डाटा है कि कितने किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है और क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी ?

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इस पर सरकार ने बताया कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं उठता. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आंदोलन में मारे गए 702 किसानों की मृत्यु की सूची जारी कर सरकार को भेजी है. इससे पहले इसी मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार का कहना है कि हमारे कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. हमारे पास 503 किसानों का आंकड़ा है. सरकार चाहे तो हमसे लिस्ट ले सकती है. पंजाब सरकार ने 403 किसानों के परिवार को मुआवाजा दिया है. 152 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने नौकरी दे दी है.

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दरअसल सिंघु बॉर्डर पर होने जा रही बैठक में प्रधानमंत्री को अपनी मांगों के साथ लिखे गए पत्र को लेकर किसान चर्चा करेंगे, क्योंकि किसान अभी भी रखी गई अपनी 6 मांगों का इंतजार कर रहे हैं. आज की सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक से कुछ बड़े फैसले लिए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है. दरअसल किसान इस बात की मांग कर रहे हैं कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं, मृतक किसानों को मुआवजा मिले, एमएसपी पर कानून बनाया जाए.