नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार के कर्मचारी अब नया घर बनाने या खरीदने के लिए 25 लाख रुपए तक का एडवांस ले सकते हैं. इस पर ब्याज भी महज 8.50 फीसदी ही लगेगा. केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक बयान जारी कर कहा है कि इसका मकसद सुसुप्त पड़े हाउसिंग सेक्टर को फिर से सक्रिय करना है.
बता दें कि इससे पहले सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्पलॉय करीब साढ़े 7 लाख रुपए एडवांस ले सकते थे. अब हाउस बिल्डिंग एडवांस की सुविधा लेकर 11 लाख रु की बचत होगी.
उदाहरण के लिए, पहले अगर एसबीआई जैसे बैंक से 25 लाख का लोन 20 साल के लिए लिए अभी के 8.35 प्रतिशत के चक्रवृद्धि ब्याज की दर से लिया जाता है, तो मासिक किश्त 21,459 हजार रु होगी. 20 सालों में कर्मचारी करीब साढ़े 51 लाख का भुगतान करेगा, जिसमें से ब्याज की राशि 26.50 लाख होगी.
11 लाख रुपए की बचत
जबकि यही लोन अगर एचबीए से 20 साल के लिए 8.50 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर लिया जाए, तो पहले 15 साल के लिए मासिक किश्त 13,890 रुपए की बनती है और बाद में इसकी किश्त 26,411 रु हर महीने की बनेगी. इस तरह से 20 सालों में कुल 40.84 लाख रुपए चुकाना होगा, जिसमें ब्याज के तौर पर 15.84 लाख रुपए चुकाने होंगे. लेकिन कर्मचारी को करीब 11 लाख रुपए की बचत होगी.
दंपतियों को होगा फायदा
अगर कोई पति-पत्नी सरकारी कर्मचारी है, तो वे अब इस योजना का लाभ अलग-अलग और एक साथ भी उठा सकते हैं. पहले दोनों में से कोई एक ही ये लाभ ले सकता था.
आवास एवं शहरी मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारी 34 महीने का बेसिक वेतन कर्ज के तौर पर ले सकेंगे.
आवास विस्तार के लिए भी अब 1.80 लाख रु के बजाय 10 लाख रु तक का कर्ज लिया जा सकेगा. घर की अधिकतम कीमत भी 30 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रु कर दिया गया है.