प्रधानमंत्री मोदी (PM Nrendra Modi)आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित कर्तव्य भवन (Kartavya Bhawan) का उद्घाटन करेंगे. केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, जो वर्तमान में विभिन्न भवनों में फैले हुए हैं, जल्द ही कर्तव्य पथ के दोनों ओर बन रहे नए कर्तव्य भवनों में समाहित होंगे. सेंट्रल विस्टा परियोजना(Central Vista Project) के तहत इस नई इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, पेट्रोलियम मंत्रालय और कई अन्य प्रमुख मंत्रालयों के कार्यालय स्थापित किए जाएंगे.

जनसभा को संबोधित करेंगे PM मोदी
कर्तव्य भवन-3 का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को दोपहर 12.15 बजे करेंगे. इसके साथ ही, वह शाम 6 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें मंत्रालयों के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहेंगे.
शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी दी कि पहले मंत्रालयों की इमारतें अव्यवस्थित तरीके से बनाई गई थीं, जबकि अब सेंट्रल विस्टा को एक संगठित और आधुनिक योजना के तहत विकसित किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत अब तक तीन कर्तव्य भवन पूर्ण हो चुके हैं, और कुल मिलाकर दस भवनों का निर्माण किया जाएगा.

अन्य सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे
काम अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है. प्रस्तावित अन्य सात भवन अप्रैल 2027 तक तैयार हो जाएंगे. इन भवनों का निर्माण मंत्रालयों के लिए किया जा रहा है, जिसमें तकनीकी, सुरक्षा और पर्यावरण अनुकूलता का विशेष ध्यान रखा गया है. पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर स्थापित किया गया है, जिससे परिसर और अंदर के गलियारों पर सतत निगरानी रखी जाएगी.
केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए बनाए गए नए भवनों को पहले कामन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) का नाम दिया गया था. इन भवनों को मेट्रो लाइन से जोड़ने के उद्देश्य से इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.
क्यों बनाया गया आधुनिक भवन
केंद्रीय मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मंत्रालयों के नए और आधुनिक भवनों की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई, क्योंकि मौजूदा भवन 1950 से 1970 के बीच बने थे और अब पुराने हो चुके हैं. इन भवनों का वार्षिक रखरखाव काफी महंगा हो गया है. वर्तमान में केंद्र सरकार के पास लगभग 55 मंत्रालय और 93 विभाग हैं, जिनमें नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के साथ-साथ कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग और निर्माण भवन भी शामिल हैं.
गृह व विदेश मंत्रालय सहित कुल सात विभाग होंगे कर्तव्य भवन-3 में शिफ्ट
नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को स्थान दिया गया है, जिनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण कार्य मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शामिल हैं.
अगले महीने तक तैयार होने वाले कर्तव्य भवन-1 में वित्त मंत्रालय का स्थानांतरण किया जाएगा. इस भवन में एक प्रिंटिंग प्रेस भी स्थापित किया जा रहा है, जिससे वित्त मंत्रालय अपने बजट का प्रकाशन स्वयं कर सकेगा. इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पहले से ही आवश्यक स्थान आवंटित किया गया है.
जब कर्तव्य भवनों का निर्माण पूरा हो जाएगा, तब नार्थ और साउथ ब्लाक में स्थित सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसके बाद, दोनों ब्लाक को खाली करके इनमें युगे-युगीन भारत संग्रहालय की स्थापना की जाएगी.
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सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम दिसंबर 2031 होगा पूरा
इस परियोजना के तहत महाभारत काल से लेकर वर्तमान समय तक के इतिहास, कला और संस्कृति को बिना ढांचे में किसी प्रकार के परिवर्तन के प्रदर्शित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने जानकारी दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का कार्य दिसंबर 2031 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री के लिए नए आवास और कार्यालय भी शामिल हैं. इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाएं भी आरंभ कर दी गई हैं.
कर्तव्य भवन-3: एक नजर में
कुल क्षेत्रफल 1.50 लाख वर्ग मीटर है, जिसमें भूतल क्षेत्रफल 40 हजार वर्ग मीटर है. इस भवन में दो भूतल सहित कुल दस तल हैं, जिनमें दोनों भूतल पार्किंग के लिए निर्धारित हैं, जिसमें 600 कारों की पार्किंग क्षमता है. बैठने की व्यवस्था में वर्क हाल और केबिन शामिल हैं. कॉमन सुविधाओं में योगा, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और मल्टीपरपज हाल उपलब्ध हैं. इसके अलावा, 24 मुख्य कांफ्रेंस हाल हैं, जिनमें प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है, और 26 छोटे कांफ्रेंस हाल हैं, जिनकी क्षमता 25 व्यक्तियों की है. इसके साथ ही, 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल हैं, जिनमें प्रत्येक में नौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है. भवन में 27 लिफ्ट, केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग और दो स्वचालित सीढ़ियां भी हैं.
क्या है सेंट्रल विस्टा?
कर्म पथ के दोनों किनारों पर विस्तारित क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है. यह क्षेत्र राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के निकट प्रिंसेस पार्क तक फैला हुआ है. इसमें संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति निवास, राष्ट्रीय संग्रहालय और अभिलेखागार जैसी कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक इमारतें शामिल हैं.
सरकार इस पूरे इलाके को और अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और आधुनिक बनाने के लिए ‘सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है.
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