रायपुर। LALLURAM.COM की खबर का बड़ा असर हुआ है. अपात्र कर्मचारियों को पात्र करने वाले सहायक आयुक्त पर गाज गिरी है. विधानसभा में नियमितीकरण घपलेबाजी का मुद्दा उठा, जिसमें सहायक आयुक्त को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि विधानसभा में मुद्दा उठने से पहले ही सहायक आयुक्त बद्रीनाथ सुखदेवे को भनक लग गई थी. अब वह अस्पताल में भर्ती हैं.

विधानसभा में राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने मुद्दे को उठाया, जिसके बाद कार्रवाई की गई है. आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा की.

खबर ये भी है कि घपले की दस्तावेज तैयार करने वाले शाखा के हेड क्लर्क एलआर देवांगन का जनपद छुरा तबादला किया गया था, लेकिन कमाऊ पुत्र को विभाग रिलीव नहीं किया गया था. मामला विधानसभा में उठते ही होली के एक दिन पहले रिलीव कर दिया गया.

दरअसल, राजिम क्षेत्र के आदिवासी बालक आश्रम शालाओ में नियमितीकरण के नाम पर बड़ा खेल खेला गया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनघोषणा पत्र को ध्यान में रखते हुए अनियमित कर्मचारियों को नियमानुसार नियमित करने का फरमान जारी किया था. इसके बाद दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाना था, लेकिन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने सेवा नियमों के प्रावधान को दरकिनार कर अपात्र लोगों को नियमित कर दिया था.

विधानसभा की कार्यवाही

कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल ने विधानसभा में गरियाबंद जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के अपात्र दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने का मामला उठाया. अमितेश शुक्ल ने कहा कि मंत्री की ओर से जानकारी आई है कि नियमित नहीं किया गया है, जबकि मेरे पास आदेश है. पैसे लेकर नियमित किया गया है. 4 साल से अधिक समय से गायब एक कर्मचारी को भी नियमित किया गया है. इसके बाद सहायक आयुक्त को निलंबित करने और मामले की जांच की मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने घोषणा की.

गरियाबंद में अपात्र कर्मचारियों को नियमित मामले में सहायक आयुक्त सस्पेंड

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