बिलासपुर. एटीआर से रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू लाए गए मादा बाघ की हो गई है. जानकारी के मुताबिक बाघ का कानन ज़ू के हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन को बीते 8 जून 2021 को रेस्क्यू कर लाया गया था. उसके शरीर के ऊपरी भाग में कुछ दिनों पहले घाव हो गया था, जिसका इलाज चल रहा था. वही बाघिन उम्र दराज भी थी.
बता दें कि अचानकमार टाईगर रिजर्व के बरमान नाला के पास से मादा बाघिन को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर कानन पेण्डारी जू लाया गया था. रेस्क्यू के बाद बाघिन की जांच की गई, तो पता चला कि बाघिन खड़े नहीं हो पा रही थी, और बहुत कमजोर थी. मादा बाघिन के बायें कंधे के पास और पूंछ के ऊपरी भाग में बड़ा घाव पाया गया था.
मादा बाघिन के शरीर में मिले घाव की वजह आपसी लड़ाई बताई जा रही है. मादा बाघिन की उम्र लगभग 13 वर्ष होना बताया गया है, बता दें कि एक बाघ का जंगल में औसत आयुकाल 12-14 वर्ष होती है.
मादा बाघिन का जन्म 2009 में बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में हुया था, और उसने वर्ष 2013 व 2015 में 2 और 3 शावकों को जन्म दिया था.