पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। शिक्षक दिवस के दिन यानी 5 सितम्बर को तबादला की पहली सूची जारी की गई थी. रोक हटने के बाद नई तबादला नीति के तहत जिले का यह शिक्षा विभाग द्वारा जारी पहली सूची थी, जिसमें 65 शिक्षकों के जिला स्तर पर तबादला किया गया था. आदेश जारी होने के दो दिन बाद से लगातार शिकायतें हुई. अब कलेक्टर ने आदेश को निरस्त कर दिया है. जिला के अधिकार क्षेत्र से शिक्षक एलबी का तबादला बाहर था, फिर भी शिक्षा विभाग ने प्रभारी मंत्री से अनुमोदन करवाया और आदेश निकलवाया. कलेक्टर ने जिम्मेदारों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं.

चिखली के ग्रामीण भारी संख्या में गुरुवार को कलेक्टर चेम्बर के बाहर ज्ञापन लेकर खड़े दिखे तो, अमलिपदर व गोहरापदर के कांग्रेसी नेताओं का प्रतिनिधि मंडल प्रभारी मंत्री से मिलने पहुंच गए. इस बीच आज पहली सूची में जारी 65 नाम में से 20 शिक्षक (एल बी) के स्थानन्तरण आदेश को कलेक्टर ने निरस्त कर दिया, जबकि 45 के आदेश जो सहायक शिक्षक एलबी को यथावत रखा गया.

हालांकि कलेक्टर प्रभात मलिक ने निरस्तीकरण का वजह शिकायत होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने बताया कि शिक्षक संवर्ग का स्थानान्तरण सम्भाग से सयुंक्त संचालक से होना है. जिला स्तर पर गलत तरीके से पुटअप किया गया है. इसमें जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें नोटिस तामिल कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

क्या नियम कायदे को ध्यान में रखा गया ?
निरस्त के आदेश के बाद अब पुरी सूची की समीक्षा की मांग उठ रही है. दरअसल मैनपुर और गरियाबन्द के बीहड़ इलाके में पदस्थ 35 से ज्यादा ऐसे नाम हैं, जिन्होंने स्वैछिक तबादला करवाया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग नीति में तय मापदंड का पालन नहीं करते. नियम के मुताबिक एकल शिक्षकीय होने या छात्र अनुपात में शिक्षक संख्या नहीं होने की स्थिति में ही तबादला की पात्रता होगी.

फिंगेश्वर में तो अतिशेष में पहले से जहां अतिरिक्त शिक्षक मौजूद हैं. वहां पोस्टिंग पा लिया गया है, जबकि इसमें पोस्ट होने वाले शाला में शिक्षकों की कमी को भी ध्यान में रखा जाना था. देवभोग के सीनपाली में मिडिल स्कूल शिक्षक की कमी से जूझ रहा था, लेकिन वहां के शिक्षक को प्रशासनिक आदेश तहत अन्यत्र भेज दिया गया. मैनपुर गोढियारी शिक्षक को धवइभर्री भेजने का भी जमकर विरोध हो रहा है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus