प्रतीक चौहान. रायपुर. जैन बंधू द्वारा साढ़े 6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. ये धोखाधड़ी राजधानी रायपुर के Hira Group से संबंधित है. पूरे मामले की रिपोर्ट देवेंद्र नगर थाने में दर्ज की गई है.
पुलिस से की गई शिकायत और दर्ज एफआईआर से मिली जानकारी के मुताबिक आवेदक पीयूष कुमार (मैनेजर) मेसर्स यमुना टेक्नो कंसलटेंट LLP रायपुर द्वारा एक लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया है. जिसमें पंकज जैन पिता नरेश कुमार जैन एवं राजीव जैन पिता नरेश कुमार जैन निवासी सफायर हाउस A-68, 69 ग्रेटर ब्रिजेश्वरी मंडीधाम गेट के पास पीपलीयाना इंदौर मध्यप्रदेश डारेक्टर मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. द्वारा कुटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर एग्रीमेंट का उलंघन कर आवेदक के कंपनी को 6,50,00,000 रूपये की धोखाधड़ी की शिकायत की गई है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता मेसर्स यमुना टेक्नो कंसलटेंट्स एलएलपी जिसका पंजीकृत कार्यालय हीरा आर्केड बस स्टैण्ड पंडरी में स्थित है. मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा.लि. भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अधीन निगमित कंपनी है जिसका पंजीकृत कार्यालय 12, सिलवर संचोरा कैसल, 8/2 आर एन टी मार्ग इंदौर में स्थित है.
मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के दो डायरेक्टर है, जिनके नाम क्रमश: 1. पंकज जैन पुत्र नरेश कुमार जैन निवासीगण सफायर हाउस ए-68, 69 ग्रेटर ब्रिजेश्वरी मण्डीधाम गेट के पास पीपलीयाहाना इंदौर है. शिकायतकर्ता फर्म छ.ग. राज्य में अन्य कंपनियों सहित हीरा ग्रुप के नाम से प्रचलित होकर स्टील प्लांट फेरो अलयज, पावर प्लांट्स एवं अन्य कई कारोबार करती है और शिकायतकर्ता फर्म की छग राज्य सहित देश एवं विदेश में व्यावसायिक गुणवत्ता ईमानदारी और उच्च व्यावसायिक मूल्य रखने वाले औघोगिक संस्थान के रूप में ख्याति है. उक्त शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2013 में उपरोक्त पंकज जैन एवं राजीव जैन ने बीएल अग्रवाल पुत्र स्व आरआर अग्रवाल निवासी सिद्धार्थ गीता नगर, रायपुर (छ.ग.) को बताया कि उन्होंने मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के नाम से कारोबार शुरू किया है और वह विभिन्न क्षेत्रों के औद्योगिक उपयोग में आने वाले जल के शुद्धिकरण का उपकरण बनाते है, जिससे जल में पाये जाने वाली लवणों (स्केल) की मात्रा समाप्त हो जाती है और पाईप लाईनों में स्केलिंग नहीं होती है.
जिससे उद्योगों का पाईप लाईनों के मेंटेनेंस का खर्च बहुत कम हो जाता है. उक्त पंकज जैन एवं राजीव जैन ने बीएल अग्रवाल से आग्रह किया कि उनके पास मार्केटिंग का अनुभव नहीं है और उन्हें धन की भी आवश्यकता है, इसलिए वह उनके सहयोग से उक्त उपकरण की मार्केटिंग करना चाहते हैं.
इस हेतु वह उनके औद्योगिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी अनुभव और उनकी सलाह पर उक्त उपकरण की मार्केटिंग करना चाहते हैं. बीएल अग्रवाल ने उपरोक्त पंकज जैन एवं राजीव जैन की बात पर भरोसा कर उनकी कंपनी के साथ दिनांक 12.03.2013 को एक एडवाइजरी सर्विस एग्रीमेंट निष्पादित कर दिया और उक्त एग्रीमेंट की शर्त के अनुसार सद्भाव पूर्वक उक्त पंकज जैन एवं राजीव जैन की कंपनी मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. की व्यवसायिक स्थिरता एवं कार्य क्षेत्र में प्रगति हेतु 5,50,00,000/- (पांच करोड पचास लाख) रूपये रायपुर से इस शर्त के साथ कि यदि वह अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उक्त रकम वह शिकायतकर्ता फर्म को वापस करेंगें, उनकी कंपनी को उक्त रकम का भुगतान कर दिया.
यह कि इसी बीच उक्त मेसर्स स्केल बैन प्रा.लि. के उपरोक्त डायरेक्टरों ने बीएल अग्रवाल से आग्रह किया गया कि एनटीपीसी दादरी के कारखाने में उक्त उपकरण ट्रायल रन के लिए लगाने है जिसमें लगभग 2,00,00,000 रूपये का खर्च आयेगा इसलिए शिकायतकर्ता फर्म मदद के तौर पर उनकी कंपनी को एक करोड रूपये खर्च के तौर पर दे दे. शिकायतकर्ता फर्म द्वारा उनकी मांग को पूर्ण करने के उद्देश्य से उन्हें माह दिसंबर 2013 में एक करोड रूपये रायपुर से आरटीजीएस द्वारा ट्रांसफर कर दिये.
मूल अनुबंध जो बीएल अग्रवाल के साथ दिनांक 12.03.2013 को निष्पादित किया था के पश्चात दिनांक 28.06.2016 को उक्त कंपनी ने शिकायतकर्ता फर्म यमुना टेक्नो कंसलटेंट एल एल पी जिसमें बीएल अग्रवाल मैनेजिंग पार्टनर है, के साथ अनुबंध कर लिया और अन्य कई संशोधित अनुबंध शिकायतकर्ता फर्म के साथ निष्पादित किये.
इसके बाद दिनांक 31.01.2019 को उन्होंने शिकायतकर्ता फर्म के साथ अंतिम अनुबंध निष्पादित किया. इस प्रकार शिकायतकर्ता फर्म और मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा.लि. के मध्य इस हेतु कई संशोधित अनुबंध निष्पादित किये गए और शिकायतकर्ता एवं उनके मध्य कारोबार प्रारंभ रहा, जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा विभिन्न समयों पर मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के उपकरण को विक्रय करने में अपने खर्चे से व्यापार में मदद की और उनके व्यापार में वृद्धि होने लगी.
तब उक्त पंकज जैन और राजीव जैन के मन में लालच आने से बदनियति आ गई. इस बीच में शिकायतकर्ता फर्म द्वारा कराये गये कारोबार के टर्न ओवर के अनुसार उनसे अपने कमीशन की मांग की गई तो उक्त लोग टाल-टोल करते रहें और उन्होंने बहुत छोटी रकम दिखावा करने के उद्देश्य से शिकायतकर्ता फर्म को अदा कर दी.
शिकायतकर्ता फर्म द्वारा अपनी संपूर्ण तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता के आधार पर उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के डायरेक्टर्स को अवगत कराया कि भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एन एलसी इंडिया लिमिटेड जो पूर्व में नेवेली लिग्नाईट कार्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी, के द्वारा जारी टेण्डर में भाग लें और टेण्डर प्रस्तुत करे ऐसा करने से यदि टेण्डर उसे मिल जाता है बाकी अन्य सरकारी पावर प्लांट कंपनियों में भी व्यापार की संभावनाएं बहुत अधिक हो जायेगी.
जिससे शिकायतकर्ता फर्म को तथा मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा.लि. को बहुत बड़ा आर्थिक लाभ होने की संभावना बढ़ जायेगी. शिकायतकर्ता की सलाह पर मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा. लि. द्वारा उक्त टेण्डर संख्या CO CONTS/0016G/TPS-1 Expn. (2X210MW)/WTS/Conts.Thermal/2018, Dt. 23.06.2018 में दिनांक 26.10.2018 को टेण्डर भरा किन्तु उनके द्वारा जान बूझकर ज्ञान रखते हुए मेसर्स भूषण पावर एण्ड स्टील लिमिटेड, ओडिसा का दिनांक 21.02.2018 का एक कूटरचित परफरमेंस सर्टिफिकेट टेण्डर दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत कर दिया.
यह कि एनएलसी इंडिया लिमिटेड द्वारा दिनांक 23.11.2018 को उक्त टेण्डर दस्तावेज खोलने पर उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. द्वारा प्रस्तुत अन्य दस्तावेजों सहित मेसर्स भूषण पावर स्टील लिमि. ओडिसा द्वारा जारी परफारमेंस सर्टिफिकेट दिनांक 21.02.2018 की सत्यता की जांच की गई, जिसमें जांच करने पर मेसर्स भूषण स्टील लिमिटेड ओडिसा द्वारा एनएलसी इंडिया को सूचित किया गया कि उक्त परफारमेंस सर्टिफिकेट कूट रचित है और वह उनके द्वारा जारी नहीं किया गया है.
मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के द्वारा कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करने की जानकारी एनएलसी इंडिया द्वारा उसे दी गई तब दिनांक 15.03.2019 को उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के डायरेक्टर पंकज जैन के द्वारा एनएलसी इंडिया को एक ईमेल करके यह स्वीकार किया की उनके द्वारा टेण्डर के दस्तावेजों के साथ मेसर्स भूषण पावर एण्ड स्टील का जो परफारमेंस सर्टिफिकेट संलग्न किया गया है वह गलत है और उसके स्थान पर एक अन्य सर्टिफिकेट दिनांक 23.04.2012 उक्त ईमेल के साथ एनएलसी इंडिया को भेज दिया और उसकी कापी शिकायतकर्ता फर्म को प्रेषित कर दी.
उक्त पत्राचार से शिकायतकर्ता को यह ज्ञात हुआ कि मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. और उसके डायरेक्टर्स द्वारा जानबूझ कर ज्ञान रखते हुए ऐसा करके न सिर्फ व्यावसायिक दुराचरण किया है वरन कूटरचित दस्तावेज को सत्य बताकर प्रस्तुत करके गंभीर दण्डनीय अपराध भी कारित किया है.
उक्त तथ्य के आधार पर एनएलसी इंडिया लिमिटेड जिसका निगमित कार्यालय ब्लाक 1 नेवेली तमिलनाडू में है के द्वारा दिनांक 08.07.2019 को पत्र जारी कर उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा.लि. को सूचित किया गया कि उनके इस कृत्य से ना सिर्फ उसका टेण्डर निरस्त लिस्ट किया जा सकता है.
मेसर्स स्केलबैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. के डायरेक्टर्स के उक्त अपराधिक कृत्य से टेंडर न मिल पाने के कारण शिकायतकर्ता को करोडों रूपये के कमीशन का नुकसान हुआ.
उक्त तथ्य की जानकारी होने पर शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 08.07.2019 को मेसर्स स्केल बैन इक्युपमेंट प्रा.लि. और उसके डायरेक्टर्स पंकज जैन और राजीव जैन को उनके द्वारा किये गए उपरोक्त अपराधिक कृत्य तथा पूर्व में किये गए अनुबंधों की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें इस आशय का नोटिस प्रेषित किया कि वह एडवाइजरी सर्विस एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन होने के कारण उनके साथ किये गये समस्त अनुबंधों को निरस्त करता है और वह पूर्व में अदा की गई सिक्योरिटी डिपाजिट की रकम 5,50,00,000/- रूपये (अक्षरी पांच करोड पचास लाख रूपये) तथा पृथक से दिये गए 1.00,000,00/- (अक्षरी एक करोड रूपये) कुल रूपये 6,50,00,000/- (अक्षरी छ करोड पचास लाख रूपये) की मांग करता है.
उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. एवं उसके उपरोक्त दोनों डायरेक्टर्स के अपराधिक कृत्य से आहत होकर शिकायतकर्ता द्वारा पुनः दिनांक 10.07.2019 को उससे समस्त व्यावसायिक संबंध समाप्त करने की सूचना ईमेल पर देकर उससे आग्रह किया कि वह पूर्व में किये गए व्यवसाय का कमीशन उसे अदा करें तथा उसका नाम उनके व्यावसायिक पत्रको वेबसाइट और अन्य व्यावसायिक स्थानों से हटा दिया.
फिर पुनः शिकायतकर्ता ने 14.08.2019 को उक्त मेसर्स स्केल बैन से सुरक्षा निधि साढे पांच करोड रूपये और उपरोक्त वर्णित एक करोड रूपये कुल साढ़े छः करोड रूपये वापस करने की मांग की. उक्त सूचना पत्रों की प्राप्ति के पश्चात भी मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. और उसके डायरेक्टर द्वारा शिकायतकर्ता फर्म के पांच करोड़ पचास लाख रूपये एवं एक करोड रूपये अर्थात कुल साढे छ करोड रूपये मनमाने तरीके से बिना किसी आधार के जब्त कर लिये हैं कहकर देने से मना कर दिया, जिससे शिकायतकर्ता को यह स्पष्ट हो गया कि उनके द्वारा बेईमानी पूर्ण आशा से शिकायतकर्ता को सदोष हानिकारित कर उक्त रकम को हड़प लिया है और ऐसा करके उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ छल किया है.
इसी प्रकार उक्त मेसर्स स्केल बैन इक्यूपमेंट प्रा.लि. और उसके डायरेक्टर्स पंकज जैन और राजीव जैन भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड नेवेली के समक्ष सदोष लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से यह ज्ञान रखते हुए कि उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज सत्य नहीं है की रचना कर कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत कर गंभीर अपराध कारित किया है. ऐसा करने से शिकायतकर्ता फर्म का व्यापारिक क्षेत्र में न सिर्फ नाम खराब हुआ है वरन् उसे गंभीर आर्थिक क्षति हुई है.
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