जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर निकलकर सामने आई है. यहां डीएमएफ मद से संचालित समर्थ आवासीय दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में एक दिव्यांग बच्ची से रेप और छेड़छाड़ की गई है. नाबालिग दिव्यांग छात्राओं से आधी रात दो कर्मचारियों ने कुकर्म किया है. इतना ही नहीं दिव्यांग छात्राओं के कपड़े फाड़कर परिसर में दौड़ाया गया है.

दरअसल, खनिज न्यास मद के तहत राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित समर्थ दिव्यांग केंद्र में दो कर्मचारियों के द्वारा नशे की हालत में जमकर उत्पात मचाया. यहां दिव्यांग बच्चियों के साथ मारपीट और छेड़छाड़ के बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया है.

मामला दिव्यांग बच्चियों से जुड़ा हुआ है लिहाजा जिला कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए, जिसमें महिला अधिकारी ने जांच में एक दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म और 5 दिव्यांग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ और यौन प्रताड़ना की पुष्टि की है.

यहां दिव्यांग बच्चों के उत्थान के लिए इस दिव्यांग केंद्र की स्थापना की गई थी. जहां पदस्थ कर्मचारियों ने दरिंदगी की सारी हदों को पार करते हुए मासूम दिव्यांग बच्चियों के साथ छेड़छाड़, मारपीट के साथ अनाचार की घटना को अंजाम दिया. घटना 22 सितंबर के रात 11 बजे की है. जहां दो कर्मचारी नशे की हालत में दिव्यांग केंद्र पंहुचे और जमकर उत्पात मचाने लगे.

घटना के दिन अधीक्षक केंद्र में नहीं थे और केयर टेकर कही बाहर थे. लिहाजा एक केयरटेकर और नशे में धुत चौकीदार के भरोसे दिव्यांग बच्चे थे. घटना के समय नशे में लिप्त दोनों अस्थायी कर्मचारियों ने पहले तो वहां रात्रि ड्यूटी में लगे स्वीपर को उसके कमरे में बंद कर दिया और दिव्यांग बच्चियों को दौड़ाने लगे.

इस दौरान बच्चियां अपने को बचाने के लिए परिसर में भागती रहीं. नाली में भी गिरीं, कुछ के कपड़े फटे और कुछ बच्चियों को चोटें भी आई है. नशे में धुत कर्मचारियों ने एक दिव्यांग बच्ची को शिकार बनाते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया और 5 बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की.

गौरतलब है कि यहां पदस्थ अधीक्षक कभी भी दिव्यांग केंद्र में नहीं रहते और केयर टेकर के भरोसे हॉस्टल संचालित होता है. दिव्यांग बच्चों की भाषा समझने वाले प्रशिक्षित कर्मचारी यहां पदस्थ नहीं किए गए हैं. खनिज न्यास मद के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों के उत्थान के लिए पूर्व कलेक्टर ने उक्त केंद्र की स्थापना की थी. जिसका संचालन राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा किया जाता है.

जब मामले की जानकारी राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों को हुई तो आनन फानन में दोनों कर्मचारियों को हटा दिया गया और मामले में पर्दा डालने की कोशिश की गई. हांलाकि जिला कलेक्टर महादेव कावरे के संज्ञान में आते ही मामले में महिला पुलिस अधिकारी द्वारा गंभीरता से मामले की जांच की गई. तत्काल 2 संदेहियों को हिरासत में लेकर मामला दर्ज कर अग्रिम कारवाई की जा रही है.

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