पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। देवभोग प्रधान पारा में रहने वाले जगदीश मोंगराज का 15 वर्षीय बेटा कुशाल मोंगराज शुक्रवार को शाम 4 बजे घर से लापता था. घर से कुछ दूर पर मौजूद कुंए के किनारे परिजनों को कुशाल का पहना हुआ कपड़ा नजर आया. इसके बाद कुएं से पानी खाली की गई, तो क्या था, जो डर था वही हुआ. बेटे की लाश निकली.

पुलिस की मौजूदगी में पंप के सहारे कुंए का पानी कम किया गया. पानी कम होते ही स्थानीय युवक रमेश निषाद ने कुंए के पानी के भीतर गोता लगाकर तलाशी ली. 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 2 बजे डेड बॉडी हाथ लगी, जिसकी शिनाख्त कुशाल के रूप में की गई.

थाना प्रभारी विकास बघेल ने बताया कि कुशाल दीब्यांग होने के साथ ही मानसिक रूप से कमजोर था. अक्सर शाम को शौंच के लिए जाया करता था. बताया गया कि कुंए के पास एक डिब्बा और रस्सी रखा हुआ होता था, जिसका उपयोग पानी निकालने के लिए करते थे. सम्भवना जाहिर की जा रही थी कि कुशाल शौंच के बाद उपयोग के लिए पानी निकालते वक्त हादसे का शिकार हो गया होगा. पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया है.

रमेश ने दिखाया साहस

कुंए काफी पुराना था, पानी भी भरा हुआ था. 4 घंटे पंप चलने के बाद केवल 20 फीसदी पानी कम हुआ. पुलिस के पास गोताखोर नहीं होने के कारण उसे भी पानी कम होने का इंतजार था. पानी पूरा खाली होने में और 8 घंटे का समय लग जाता. बिलखते परिजनों का सभी ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन इनमें से भी कोई कारगर पहल करने सामने नहीं आया.

इसी बीच निषाद पारा में रहने वाले रमशे निषाद को घटना का पता चला. रमेश ने पानी के भीतर जाकर गोता लगाने का साहस दिखाया. कमर में रस्सी बांध कर कुएं में कूद गया. आधे घंटे की मेहनत के बाद शव को बाहर लेकर आया.

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