शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय स्थित डाकघर में करोड़ों की ठगी के मामले में FIR दर्ज की गई है. एजेंट भूपेंद्र पांडेय और उनकी पत्नी आकांक्षा पांडेय के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. आरोपियों ने 2015 में डाकघर की फर्जी पासबुक जारी कर दूसरे खाते में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए थे. 6 साल बाद मामले में FIR दर्ज की गई है. आकांक्षा पांडेय शहर से फरार बताई जा रही है. पुलिस अब आरोपी की तलाश कर रही है.

डाकघर धोखाधड़ी मामले में 7 साल बाद FIR

दरअसल, रविशंकर विश्वविद्यालय स्थित डाकघर में साल 2015 में 10 करोड़ से ज्यादा की फर्जी एफडी घोटाला का भांडा फूटा था. एजेंट भूपेंद्र पांडेय ने 50 से अधिक लोगों के पैसे डाकघर में जमा ही नहीं किए. जब एजेंट भूपेंद्र पांडेय की खुदकुशी की सूचना लोगों तक पहुंची. इसके बाद लोग आनन फानन में अपनी रकम वसूलने के लिए डाक घर पहुंचे. जहां इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ. जानकारी के मुताबिक एजेंट के पास पैसा जमा करवाने वालों में ज्यादातर विवि के प्रोफेसर, वकील, अफसर और कुछ नेता हैं.

आजाद चौक CSP अंकिता शर्मा ने बताया कि डाकघर में करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज कर  ली गई है. तत्कालिक शिकायक के आधार पर 2 करोड़ 53 लाख 30 हजार रुपये ठगी का मामला दर्ज किया गया है. डाक घर के एजेंट भूपेंद्र पांडेय और उसकी पत्नी आकांक्षा पांडेय के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. आरोपी की तलाश की जा रही है. साथ ही आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर रकम की रिकवरी की जाएगी. पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 120 B के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है.

ऐसे फैलाया था ठगी का जाल

जानकारी के मुताबिक एजेंट भूपेंद्र ने पहले लोगों को डाकघर में पैसा जमा कराने के लिए झांसा दिया. सबको डाकघर से ब्याज डबल दिलाने का विश्वास दिलाया. इसके बाद सभी को करोड़ों रुपये का चूना लगाया. पुलिस के मुताबिक आरोपी ने राजधानी के कई लोगों के फिक्स डिपाजिट अकाउंट खलवाए थे. उनमें 2002 से रकम जमा करने के नाम पर इन लोगों से पैसे लिए जा रहे थे. इन अकाउंट्स में 2015 तक पैसे जमा भी हुए. इसके बाद 2015 में पॉलिसी अपडेट करने के नाम पर भूपेंद्र ने सभी को डाकघर की फर्जी पासबुक और नया खाता नंबर दे दिया. भरोसे में लोग उसे ही पैसे देते रहे, जिसे वह अपने खाते में जमा करता रहा. ऐसे सभी की रकम डूब गई है. डूबी गई रकम 10 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है.

बता दें कि इस मामले का आरोपी डाकघर का अधिकृत एजेंट भूपेंद्र पांडेय ने धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देने के बाद बिलासपुर के उसलापुर में ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद से अब तक केस को पुलिस सुलझाने में एक-एक सबूत जुटा रही थी. आखिरकार 7 साल बाद पुलिस को कई अहम सबूत हाथ लगे और पूरे मामले में FIR दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है.

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