कोरबा। काफी समय से किसी स्थान पर खड़े वाहन या वहां पर मौजूद किसी चीज को लावारिश समझकर पुलिस जब्त करती है, यह तो समझ में आता है, लेकिन क्या किसी भी व्यक्ति के वाहन को पुलिस जब्त कर सकती है. बेशक इस सवाल का जवाब ना में होगा, लेकिन कोरबा में रामपुर पुलिस की टीम ने सुनील निर्मलकर की बाइक को बिना किसी कारण के उठा लिया. जब सुनील इस बारे में जानकारी लेने रामपुर चौकी पहुंचा तो उससे 6000 रुपये की मांग की गई. इस मामले की शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों से की गई है.

दरअसल, सुनील कुमार निर्मलकर रामपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत निवास करता है. वह 6000 की नौकरी करता है. अपने परिवार की जीविका चलाता है. 4 दिन पहले यह युवक ड्यूटी करने के बाद अपने घर लौटा. हर दिन की तरह बाइक को घर के सामने खड़ा कर दिया.

4 दिन पहले रामपुर पुलिस की टीम इस इलाके में पहुंची और इस बाइक को उठाकर ले गई. अगली सुबह जब सुनील ने अपनी बाइक नहीं पाया तो आसपास के लोगों से पूछताछ की. इसके बाद रामपुर चौकी पहुंचा तब उसे टका सा जवाब देते हुए पुलिस ने 6000 हजार देने को कहा.

सुनील ने अपनी आपबीती युवा नेता नितिन चौरसिया को सुनाए, जिसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही. चौरसिया ने हैरत जताई कि दूसरे की बाइक को घर के सामने से उठाने के बाद इस तरह से पुलिस का पैसा मांगना आखिर किस दृष्टिकोण से उचित हो सकता है.

गौरतलब है कि कोरबा में उद्योग धंधे के बावजूद बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में सुनील निर्मलकर जैसे लोग कुछ हजार एक ही नौकरी करने को मजबूर हैं. इन पर भी अगर उनकी दुपहिया को वर्दीधारी घर के सामने से उठा ले जाएं और वसूली करने लगेंगे तो आखिर इसका इंतजाम कोई व्यक्ति कैसे कर सकेगा.

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