मुंगेली। पथरिया के सांवा ग्राम पंचायत से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शिक्षिका अपने साथी के साथ सरकारी राशन चोरी कर भाग रही थी, तभी गावं वालों ने शिक्षिका को रंगे हाथों पकड़ लिया. सरकार ने नौनिहालों को बांटने के लिए सूखा राशन भेजवाया था, लेकिन शिक्षिका प्लानिंग के साथ चावल को लेकर रफूचक्कर हो रही थी. गावं वालों ने मंसूबे पर पानी फेर दिया.

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दरअसल, पूर्व माध्यमिक शाला सांवा की प्रभारी प्रमिला चतुर्वेदी बुधवार रात अपने एक साथी के साथ स्कूल से मिड डे मील का राशन चोरी कर भाग रही थी. पूर्व माध्यमिक शाला में छात्रों को वितरण के लिए सूखा राशन आया था, लेकिन मैडम स्कूल से राशन को अपने घर एक वैन में भरकर ले जा रही थी, जिसे गांव वालों ने रंगे हाथ पकड़ लिया. स्कूल से कुछ ही दूरी पर गांव वालों ने पकड़ा.

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इस दौरान ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग गया, जिससे खूब हो हंगामा मचा. शिक्षिका ने गलती स्वीकार कर माफी भी मांगी. गाड़ी अब भी स्कूल परिसर में सामान के साथ खड़ी हुई है. सरगांव थाने में ग्रामीणों ने शिकायत की. अब हैरान करने वाली बात ये है कि पुलिस 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की.

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24 घंटे बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं, क्या कानून के हाथ बंधे हैं ?

सरगांव थाना प्रभारी-केशर पराग का कहना है कि मामले की शिकायत मौखिक तौर पर हुई है. जांच के बाद कुछ बता पाऊंगा. ये गोल-मोल जवाब पुलिस महकमे पर भी सवाल दाग रहे हैं. 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस घटना स्थल तक पहुंची तक नहीं. ऐसे में आरोपी शिक्षिका को बचाने की बू आ रही. पता नहीं शिक्षिका और कितने बार राशन की चोरी कर चुकी है. कार्रवाई नहीं होने के कारण आरोपियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. ऐसे में गरीब बच्चों के साथ अन्याय है, जो मिड डे मील का राशन भी टीचर डकार रहे हैं.

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गरीब छात्रों का हक मारना कंहा तक उचित ?

अब सवाल ये उठता है कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीब छात्र-छात्राओं को संकट काल में राशन भेज रही है,ताकि संकट काल में बच्चों को भरपेट भोजन मिल सके, लेकिन महामारी के दौर में गरीब छात्रों का हक मारना कंहा तक उचित है. सरकारी राशन को सरेआम चोरी करना क्या गलत नहीं है. इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

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