रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी है, लेकिन कांकेर के संवेदनशील रावस, आमापानी, पर्रेदोड़ा और निशानहर्रा गांव के मतदान केंद्र को यहां से 12 किलोमीटर दूर ठेमा गांव में शिफ्ट कर दिया गया और इसकी जानकारी मतदाताओं को नहीं दी गई.

12 किमी दूर जाकर मतदान करना मुश्किल

मतदान डालने के लिए सुबह 7 बजे से पहुंचे मतदाता वोट डालने के लिए स्कूल के बाहर टेंट लगाकर बैठे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि ठेमा गांव की दूरी अधिक होने के कारण वहां जाकर मतदान करना संभव नहीं है, इसलिए आमापानी गांव में ही मतदान केंद्र खोला जाए. रातोंरात मतदान केंद्र बदलने से ग्रामीणों में नाराजगी है और अब वे मतदान दल के गांव में आने का इंतजार कर रहे हैं.

बिना सूचना के शिफ्ट किया मतदान केंद्र

ग्रामीणों का आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी के गैरजिम्मेदाराना रवैया के कारण करीब सात सौ मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित होना पड़ा है. ग्रामीणों का दावा है कि साल 2008 से इस इलाके में नक्सलियों की आवाजाही कम हो गई है और यहां नक्सली हमले की आशंका नहीं है, इसके बाद भी जिला निर्वाचन ने तीन दिन पहले ही ठेमा गांव में मतदान केंद्र शिफ्ट कर दिया. और इसकी सूचना मतदाताओं को नहीं दी गई है.