रूपेश गुप्ता. रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव में नक्सली धमकी के बाद भी संसाधनों के अभाव के बावजूद बस्तर के महिला-पुरुष कहीं पैदल चलकर तो कही गाड़ी किराए पर लेकर मतदान केंद्रों में पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. मतदाताओं का उत्साह न केवल शहरी और कस्बाई इलाकों में ही नहीं बल्कि बस्तर के अंदरुनी अंचल में भी नजर आ रहा है. दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर प्रत्यय मतदाताओं को अपने प्रत्याशी के नाम नहीं पता उन्हें सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के नाम पता है.

यह तस्वीर कांकेर विधानसभा क्षेत्र के कान्हा गांव की है. कान्हा गांव चार पहुंचविहीन गांव का मतदान केंद्र बनाया गया हैै. इस मतदान केंद्र पर काना गांव, मुर्रा गांव, मुजाल गोंदी, बुधीयार मारी गांव के मतदाता वोट डाल रहे हैं. यह चारों गांव अति नक्सल प्रभावित हैं, जिसकी वजह से यहां मतदान केंद्र नहीं बनाया गया है. चारों गांव के मतदाता 5 से 15 किलोमीटर यात्रा करके यहां पर मतदान करने पहुंचे और लोकतंत्र की जीत में भागीदार बनें.

…तो बैठकर कर रहे वोट देने का इंतजार

बस्तर में मतदान को लेकर पुरुषों की तुलना में ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है. अमूमन होता है कि महिलाएं घर का कामकाज निपटाने के बाद ही मतदान करने के लिए पहुंचती हैं, लेकिन बस्तर में नजारा ही कुछ और है. यहां मतदान केंद्रों में सुबह से ही महिलाओं की लाइन लगी नजर आ रही है. किसी वजह से मतदान में देरी हो रही है, तो वोट देने के लिए बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं. यहां तक परिवार की बुजुर्ग महिलाएं भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं.

मतदान के बाद सेल्फी जोन में लगी कतार

मतदान को लेकर मतदाताओं, खासतौर से पहली बार मतदान देने वाले युवाओं में उत्साह पैदा करने के लिए इस बार चुनाव आयोग ने भी अनूठे प्रयोग किए हैं, जिसमें मतदान केंद्र में सेल्फी जोन बनाए जाने का खासा असर देखने को मिल रहा है. मतदाता वोट डालने के बाद सेल्फी जोन में अपनी फोटो लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट कर रहे हैं.